हाईकोर्ट के पूर्व जज के बंगले पर कब्जा विवाद को लेकर आईजी का आदेश रद्द

हाईकोर्ट के पूर्व जज के बंगले पर कब्जा विवाद को लेकर आईजी का आदेश रद्द

हाईकोर्ट के पूर्व जज के बंगले पर कब्जा विवाद को लेकर आईजी का आदेश रद्द
प्रयागराज, 25 जून (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस के बंगले पर कब्जे का दावा कर रहे दो पक्षों में से एक के पक्ष में किए गए आईजी जोन प्रयागराज के आदेश को रद़्द कर दिया है। 
 
आईजी ने याची पक्ष का अवैध कब्जा हटाने का एसएसपी प्रयागराज को आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि मकान पर कब्जे का मामला सिर्फ सक्षम अधिकारिता वाले सिविल कोर्ट द्वारा ही तय किया जा सकता है। पुलिस को यह विवाद तय करने का अधिकार नहीं है। आईजी ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर आदेश दिया है जो अवैधानिक है।
 
नरेंद्रनाथ व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति सुधा रानी चौहान की पीठ ने आदेश दिया है। याची के अधिवक्ता महेश शर्मा का कहना था कि याची स्व. जस्टिस बनवारी लाल यादव का नजदीकी रिश्तेदार है और उनके मेंहदौरी कालोनी तेलियरगंज स्थित बंगले का वारिस है। याची बंगले पर काबिज है। जस्टिस बनवारी लाल का 24 मार्च 2002 को निधन हो गया। इस बंगले की मूल स्वामिनी उनकी पत्नी राधारानी हो गई। उनका भी 17 मार्च 2020 को निधन हो गया। 
 
विपक्षी राधारानी का भतीजा है और बंगले पर अपना दावा जता रहा है। उसने 21 नवम्बर 2015 को एक रजिस्टर्ड बिल के आधार पर दावा किया है जो कि राधारानी द्वारा उसके पक्ष में दिया गया है। याची ने इस सम्बंध में सिविल कोर्ट में स्थायी निषेधाज्ञा का वाद दायर किया है, जिस पर अभी कोई आदेश नहीं हुआ है।
 
इस बीच आईजी ने एक फरवरी 2021 को क्षेत्राधिकारी से रिपोर्ट तलब करते हुए एसएसपी प्रयागराज को निर्देशित किया कि विवादित भवन से याची का अवैध कब्जा हटाया जाए। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। 
कोर्ट ने कहा कि आईजी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है। उनको इस मामले को सिविल कोर्ट में तय करने की सलाह देनी चाहिए थी।  यदि उन्हें लगता है कि कोई अवैध कब्जा है। कोर्ट ने आईजी के आदेश को रद्द करते हुए जिला पुलिस और प्रयागराज प्रशासन को विवादित भवन के मामले में हस्तक्षेप करने से रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि याची भवन के कब्जे का विवाद सिविल कोर्ट में तय करे।