योगी सरकार डबल इंजन नही डबल ब्लंडर सरकार : अखिलेश
योगी सरकार डबल इंजन नही डबल ब्लंडर सरकार : अखिलेश
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कन्नौज,17 फरवरी (हि. स.)। मुख्यमंत्री सोशल मीडिया पर बैठकर रील देखते रहते हैं। यह डबल इंजन की नहीं, बल्कि डबल ब्लंडर की सरकार है। न लखनऊ की सरकार कुछ देख पा रही है और न दिल्ली की। यह बात आज सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समधन कस्बे में मीडिया से कहीं। अखिलेश यादव मंगलवार को दिवंगत पूर्व चेयरमैन हाजी हसन सिद्दीकी के आवास समधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने गए थे। उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। इसके बाद अखिलेश यादव कन्नौज पहुंचे। जहां सपा नेता आकाश शाक्य के आवास पर आयोजित पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल हुए।
अखिलेश ने कानपुर में पान मसाला कारोबारी पर पड़े छापे का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जब नागरिक हथकड़ियों में जकड़े जाएंगे, तो बाजार और व्यापार में क्या ताकत रह जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार बाजार दूसरों को दे रही है और कारोबार बढ़ाने में रुचि नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में व्यवस्था खराब है । जो सरकार 100 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की बात कर रही थी ,वह कोई व्यवस्था नहीं कर पा रही है । जो अव्यवस्था हो गई है, उसे हम समझा रहे हैं। बता रहे हैं कि नाकामी सरकार की है। हम उन्हें सूचना दे रहे हैं। हम लोग पॉजिटिव पॉलिटिक्स कर रहे हैं और अगर जानकारी को भी वह बुराई समझ रहे हैं तो उनके लिए मेरे पास कोई इलाज नहीं है।
डिप्टी सीएम केशव पर किया पलटवार
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या द्वारा दिए गए बयान में कहा गया कि 2047 तक मुलायम सिंह की विरासत का कोई भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकता, जिस पर अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि मैंने लोकसभा में प्रधानमंत्री को भी सुना था। उन्होंने यह कहा कि 2047 तक हम ही रहेंगे, और जो महाकुंभ में इंटरव्यू दिया जा रहा था, कुछ साधु संतों ने कहा था कि प्रधानमंत्री कौन होगा। जिस कुंभ की तैयारी भव्य स्तर पर होनी चाहिए थी, उसका नाम तो 'महाकुंभ' रख दिया गया, लेकिन इंतजाम महा प्रचार के लिए किए गए। सरकार ने दावा किया कि 100 करोड़ श्रद्धालु भी आएं तो उनके लिए व्यवस्थाएं पूरी रहेंगी लेकिन व्यवस्थाओं की बजाय इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों और सोशल मीडिया पर प्रचार को तवज्जो दी गई। बड़े-बड़े चेहरे बुलाए गए। इंस्टाग्राम रील्स बनीं, लेकिन आम श्रद्धालुओं की परेशानी और अव्यवस्थाओं की गूंज अब सुनाई देने लगी है।
144 साल का गणित
प्रयागराज की धरती पर कुंभ का आयोजन सम्राट हर्षवर्धन के समय से होता आ रहा है लेकिन भाजपा इसे 'पहली बार' का आयोजन बताकर नया इतिहास लिखने में जुटी है। सरकार के 144 साल में एक बार होने वाले कुंभ के दावे पर सवाल उठ रहे हैं। ज्योतिष और खगोल विज्ञान की मानें तो 12 साल में एक बार कुंभ होता है, फिर ये 144 साल का आंकड़ा कहां से आया।
अब तक करोड़ाें लोग संगम में स्नान कर चुके हैं, लेकिन बुजुर्ग और दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु अब भी इंतजार में हैं। सरकार को चाहिए कि आयोजन की अवधि बढ़ाए, लेकिन सरकार अभी तक यात्रियों की वास्तविक संख्या छिपाने में लगी है। उन्हाेंने कहा कि भीड़ नियंत्रण में नाकाम सरकार की भगदड़ से कई लोगों की जान गई। लेकिन सरकार सिर्फ डुबकी लगाने वालों की मौतें गिन रही है, भगदड़ में जान गंवाने वालों की सही गिनती अब तक नहीं आई। कई लोग लापता हैं, लेकिन उनके परिवार जब जानकारी के लिए थानों में जाते हैं, तो उन्हें वहां से भगा दिया जाता है।
दिल्ली स्टेशन पर भी बदइंतज़ामी
दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ पर अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि यह दुखद घटना है। यह इंतजाम सरकार को देखना चाहिए था और दिल्ली जैसी राजधानी में नाकामी होना जो लोग यह कहते हैं कि भारत काे तीसरी अर्थव्यवस्था बनाएंगे । हम और विश्व गुरु बनेंगे, क्या यही परिभाषा है कि आप प्लेटफार्म पर गरीब लोगों को सुरक्षित नहीं रख सकते। उनका एक्सीडेंट हो जाए, जान चली जाए, जिन लोगों की जान गई है चाहे वह महाकुंभ की भगदड़ में जान गई हो या अन्य किसी कारण से जान गई हो, जो लोग रास्ते में अपने परिवार के सदस्यों की जान गई है या रेलवे के एक्सीडेंट में गई है, दोनों सरकारों को मिलकर के मुआवजा देने की बात कही गई है । वह उन्हें मुआवजा देना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए। मैं मांग करता हूं कि उनके परिवारों को 50-50 लाख रुपये की मदद सरकार को करनी चाहिए। मुआवजा देना चाहिए।