उप्र में मशरूम की खेती कर महिलाएं बन रहीं सशक्त

स्वयं सहायता समूहों से आत्मनिर्भर हुईं महिलाएं, कर रहीं मशरूम की खेती

उप्र में मशरूम की खेती कर महिलाएं बन रहीं सशक्त

लखनऊ, 13 नवम्बर । आत्मनिर्भर यूपी के संकल्प को पूरा करते हुए प्रदेश सरकार अपनी योजनाओं से शहरी एवं ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने में जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं के स्वरोजगार के सपने को साकार कर रहे हैं। यूपी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नई सोच के साथ शुरू की गई योजनाओं पर ग्रामीण महिलाएं उत्साहपूर्वक काम कर रही हैं।

इसके साथ वो स्वयं ही नहीं बल्कि दूसरी महिलाओं को भी रोजगार दिला उनके कदमों को विकास के राह पर बढ़ाने का काम कर रहीं हैं। यूपी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को अब मशरूम की खेती का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विभाग की ओर से लखनऊ के सभी मंडलों में ग्रामीण महिलाओं को मशरूम की तीन प्रजातियों के उत्पादन के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है। विभाग की ओर से अलग अलग चरणों में महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक विभाग की ओर से 300 परिवारों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जल्द ही लखनऊ के 400 परिवारों को और भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कम समय में अब होगी अधिक आमदनी

उपायुक्त स्वतः रोजगार सुखराज बंधू ने बताया कि तीन अलग अलग प्रकार के मशरूमों के उत्पादन के बारे में महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें मिल्की, आयस्टर और बटन मशरूम शामिल हैं। अलग अलग वातावरण के अनुकूल मशरूमों की खेती कर ये महिलाएं साल भर तक कम पूंजी में अधिक मुनाफा पा सकती हैं।

उन्होंने बताया कि महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से ट्रेनिंग दी जा रही है। अभी तक लखनऊ अपनी मांग के हिसाब से लगभग 50 प्रतिशत मशरूम का ही उत्पादन कर पाता था। बाकी की पूर्ति दूसरे जिलों से होती थी, पर अब लखनऊ न सिर्फ अपनी खपत को पूरा करेगा बल्कि दूसरे जिलों को मशरूम भेजेगा। उन्होंने बताया कि एक बैग को तैयार करने में 100 रुपए की लागत आती है। जिसे बेचकर महिलाएं 300 से 400 रुपए तक की आमदनी कर सकती हैं।

महिलाएं बोली अब अधिक आय

स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने कहा कि हम लोग कम पूंजी और कम संसाधनों में अब ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे। पारंपरिक खेती के बजाय मशरूम खेती के जरिए अधिक आय कर पाएंगे।