अपराध की दुनिया से अतीक के साथ उसका अतीत भी समाप्त...

तो मिट्टी में मिल गया अतीक

अपराध की दुनिया से अतीक के साथ उसका अतीत भी समाप्त...

आखिरकार माफिया अतीक का आतंक समाप्त हो गया। शनिवार को एक ऐसी रात आई कि अतीक के साथ उसका अतीत भी खत्म हो गया, वह भी इस कदर कि सुबह बेटा सुपुर्द-ए-खाक तो रात को पिता का इंतकाल। दरअसल, गुरुवार को उमेश पाल हत्याकांड में शामिल माफिया अतीक अहमद के पुत्र असद और शूटर गुलाम का झांसी में एनकाउंटर हुआ था और शनिवार की सुबह प्रयागराज के कब्रिस्तान में असद का शव दफनाया गया। वहीं शनिवार की रात अतीक की भी हत्या कर दी गई।

देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध रखने वाले अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा मिली थी और गुजरात में सजा काट रहा था। आतंकी संगठन से संबंध होने का खुलासा खुद अतीक ने की थी। पुलिस रिमांड पर लिए गए अतीक ने कहा था कि... मेरे पास हथियारों की कोई कमी नहीं है क्योंकि मेरे पाकिस्तान के आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से सीधे संबंध हैं। पाकिस्तान से हथियार ड्रोन की मदद से पंजाब की सीमा पर गिराए जाते हैं और स्थानीय कनेक्शन उन्हें इकट्ठा करते हैं। इसी खेप से जम्मू कश्मीर में आतंकियों को हथियार मिलते हैं।



विधानसभा से लेकर संसद तक मिली पनाह

वैसे तो अतीक ने अपराध की दुनिया में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। अतीक के आतंक का साम्राज्य इस कदर था कि आवाज उठाने वालों की भी बोलती बंद कर दी जाती थी, लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के बाद योगी सरकार की जीरो टालरेंस नीति ने अतीक के साथ भाई और बेटे को भी ठिकाने लगा दिया। अब अपराध की दुनिया से अतीक के साथ उसका अतीत भी समाप्त हो चुका है। 40 साल से अतीक का माफिया राज कायम था और उस पर सौ से अधिक मुकदमे दर्ज थे, लेकिन किसी सरकार ने अतीक के आतंक पर ध्यान नहीं दिया बल्कि विधानसभा से लेकर संसद तक पनाह दिया।



...तो मिट्टी में मिल गया अतीक

प्रयागराज में बसपा से विधायक रहे राजू पाल की हत्या के चश्मदीद गवाह उमेश पाल की फरवरी के अंतिम सप्ताह में हत्या होने के बाद प्रदेश में सियासी माहौल गर्म हो गया। इसके बाद जब सरकार की बुलडोजर नीति व अपराध मुक्त प्रदेश को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कटघरे में खड़ा किया जाने लगा, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद विधानसभा में अपराधियों को मिट्टी में मिला देने का एलान किया था और हुआ भी ऐसा।



जीरो टालरेंस नीति से अपराध मुक्त होगा उत्तर प्रदेश

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भले ही माफिया अतीक हत्याकांड को लेकर प्रश्न चिन्ह लगाया, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टालरेंस नीति अपराध को कत्तई नहीं बख्शेगी। इससे साफ है कि उत्तर प्रदेश अपराध मुक्त प्रदेश होगा।



अतीक की हत्या को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस की खूब किरकिरी हुई। लोग सवाल उठाने लगे कि कड़ी सुरक्षा और पुलिस के बीच जब हत्यारे गोली दाग रहे थे, तब पुलिसकर्मी हत्यारे को एक भी गोली न मार पाई, यह आश्चर्यजनक बात है, लेकिन पुलिस ने उन सभी को मौके से गिरफ्तार कर लिया था। घटना को लेकर एक्शन में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल अतीक अहमद की सुरक्षा में तैनात 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। यही नहीं, अतीक अहमद से जुड़े सभी लोगों पर पुलिस की कड़ी नजर है।



जब पाकिस्तान मैच जीतता था तब अतीक की टीम फोड़ती थी पटाखे

दबे जुबां सुने गए कि यही अतीक अहमद था जब पाकिस्तान मैच जीतता था तो इसकी पूरी टीम सड़क पर खूब पटाखे फोड़ती थी। अतीक के देशविरोधी कार्यप्रणाली पर कोई कुछ नहीं कर पाता था। यह सभी जानते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।



फंसा है पूरा परिवार, उमेश पाल हत्याकांड ने लगाया ठिकाने

अतीक अहमद का लगभग पूरा परिवार पुलिस के निशाने पर है। पत्नी से लेकर बेटा तक और बेटी से लेकर बहन तक सबके गुनाहों की फाइल खुल चुकी है, लेकिन उमेश पाल हत्याकांड ने अतीक अहमद, उसके बेटे असद, भाई अशरफ, शूटर गुलाम को ठिकाने लगा दिया।



अतीक का कुनबा...

- शाहीन (बहन), परवीन (बहन), बेबी (बहन), बज्जो (बहन), डा. एकलाख अहमद (बहनोई), हामिद (बहनोई), नाजिद नुल्ला (मामा), जाहिद जादूगर (मामा), इसरार (मौसा), अन्सार अहमद (मौसा), गुदड़ा (मौसा)।

- माफिया अतीक अहमद: मारा गया

- शाइस्ता परवीन (पत्नी): फरार

- अशरफ (भाई): मारा गया

- उमर (बेटा): जेल में

- अली अहमद (बेटा): जेल में

- असद (बेटा): मारा गया

- दो नाबालिग बेटे: बाल सुधार गृह प्रयागराज में हैं।