भाजपा को बहुमत और कांग्रेस के लिए मांगेंगे बहू: डॉ दिनेश शर्मा

मूर्ख दिवस पर लखनपुरी के लोहिया पार्क में आयोजित लंतरानी हास्य कवि सम्मेलन में शामिल हुए उप्र के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक

भाजपा को बहुमत और कांग्रेस के लिए मांगेंगे बहू: डॉ दिनेश शर्मा

लखनऊ, 01 अप्रैल । मूर्ख दिवस पर लखनपुरी के लोहिया पार्क में आयोजित छठे लंतरानी हास्य कवि सम्मेलन में हास्य व्यंग्य की धारा बही। स्माइल मैन सर्वेश अस्थाना के संयोजन में हुए इस अनोखे कार्यक्रम में पर्ची पर निकले शब्द पर आए अतिथियों से कुछ बोलने के लिए कहा गया। इस पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा की बात सुनकर श्रोता लोटपोट हो गए। इस कवि सम्मेलन में कटनी से आए के कवि मनोहर मनोज को लंतरानी सम्मान-2023 दिया गया। सम्मेलन में धार के संदीप शर्मा, श्लेश गौतम, जगजीवन मिश्रा व जमुना प्रसाद उपाध्याय ने व्यंग रचनाओं से श्रोताओं को हंसने पर मजबूर किया।



हास्य कवि मुकुल महान के संचालन में हुए कवि सम्मेलन में आए पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा से पूछा गया कि ईश्वर दो वरदान दे तो आप क्या मांगेंगे। शर्मा ने कहा वह एक से भाजपा के लिए बहुमत और कांग्रेस के लिए बहू मांगेंगे। सम्मेलन में उन्हें उपहार में मूसल मिला। इसी क्रम में पवन सिंह चौहान को साइकिल से सम्मानित किया गया। इसके अलावा पत्नी भक्त, पत्नी पिछलग्गू, जोरू का गुलाम, पत्नी का चमचा आदि सम्मान भी दिए गए। सभी कवियों और माननीयों को टोपी और तौलिया पहना कर स्वागत किया गया। नृत्य मंथन स्कूल ऑफ डांस की अंकिता बाजपेई, काशवी, शनवी, हिमानी, साक्षी, अन्वेषा, ओजस्वी और पलक के नृत्य प्रस्तुतियो से शुरू कार्यक्रम देर रात तक चला।



अयोध्या से आए जमुना प्रसाद उपाध्याय ने कविता पढ़ी कि ’तू पुरवा की रवानी भूल जाता, वो चूनर घानी -घानी भूल जाता, ठहरता चार दिन गांव में आकर तो सारी लंतरानी भूल जाता।



कटनी के मनोहर मनोज ने पढ़ा कि डॉक्टर होकर आप कैसी बातें करते हैं इस देश में लोग जहर से नहीं, दवाइयों से मरते हैं। प्रयागराज के डॉ श्लेश गौतम ने पढ़ा कि याद आती है अब भी तेरी तुझसे बिछडे़ जमाने हुए, तू किसी की फलानी हुई हम किसी के फलाने हुए। मध्य प्रदेश के घार जिले से आए संदीप शर्मा ने काव्य पाठ किया ’किस्मत चमकाने का तेल लगाईये एक झाड़ू खरीदिये साथ में कार मुफ्त पाईये। इसके अलावा शिखा श्रीवास्तव सहित अन्य कवियों ने भी काव्य पाठ कर श्रोताओं को गुदगुदाया।