जब कल्याण सिंह ने कहा 'मैं कारसेवकों पर गोली नहीं चलाऊंगा'
जब कल्याण सिंह ने कहा 'मैं कारसेवकों पर गोली नहीं चलाऊंगा'
22 अगस्त । “मैं इस बात से जुड़े एक-एक बिंदु का स्पष्टीकरण देने के लिए तैयार हूं कि मैंने अथवा मेरे साथियों, सहयोगियों या मेरी सरकार ने कहीं किसी प्रकार से कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट नहीं किया है। क्या मैं गोली चला देता? एनआईसी की मीटिंग में मैंने तीन बार स्पष्ट किया कि गोली नहीं चलाऊंगा, गोली नहीं चलाऊंगा, गोली नहीं चलाऊंगा।"
विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से जुड़े एक घटनाक्रम को बताते हुए कहते हैं कि "6 दिसम्बर, 1992 को लगभग 1 बजे जब केंद्र सरकार के गृह मंत्री चव्हाण जी का कल्याण जी के पास फ़ोन आया। उन्होंने कहा कि मेरे पास यह सूचना है कि कार सेवक गुम्बद पर चढ़ गए हैं, आपके पास क्या सूचना है? मैंने कहा मेरे पास एक कदम आगे की सूचना है कि उन्होंने गुम्बद को तोड़ना भी शुरू कर दिया है। लेकिन ये बात लिखकर ले लो चव्हाण साहब, मैं कारसेवकों पर गोली नहीं चलाऊंगा। लेकिन हां, गोली चलाने के अलावा जो भी काम हालात को नियंत्रण में लाने के लिए किया जा सकता है वो हम कर रहे हैं।”
"कोर्ट में केस करना है तो मेरे खिलाफ करो। जांच आयोग बिठाना है तो मेरे खिलाफ बिठाओ। किसी को सजा देनी है तो मुझे दो।"
विहिप नेता चम्पत राय ने बताया कि, उधर ढांचे की ईंट गिरी और इधर यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वो मीडिया के सामने आए और कहा, "मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है। कोई दुख नहीं है। कोई पछतावा नहीं है। ये सरकार राम मंदिर के नाम पर बनी थी और उसका मकसद पूरा हुआ। ऐसे में सरकार राम मंदिर के नाम पर कुर्बान। राम मंदिर के लिए एक क्या सैकड़ों सत्ता को ठोकर मार सकता हूँ। केंद्र सरकार कभी भी मुझे गिरफ्तार करवा सकती है, क्योंकि मैं ही हूँ, जिसने अपनी पार्टी के बड़े उद्देश्य को पूरा किया है।"
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार की शाम निधन हो गया। 89 साल की उम्र में शनिवार की शाम उन्होंने अंतिम सांस ली। वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे। कल्याण सिंह की सेहत को देखते हुए सबसे पहले उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चार जुलाई को उनकी हालत फिर से बिगड़ने पर उन्हें यहां से उन्हें पीजीआई में शिफ्ट किया गया था।