वीर सावरकर की जीवनगाथा नौजवानों को राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा देगी: पवन श्रीवास्तव

मातृभूमि के गौरव की रक्षा यह संघर्ष गाथा ही हमारी प्रेरणा : पवन श्रीवास्तव

वीर सावरकर की जीवनगाथा नौजवानों को राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा देगी: पवन श्रीवास्तव

प्रयागराज, 28 मई । आजादी के अमृत महोत्सव की इस पुनीत बेला में हम अपने नौजवानों को ऐसे झूठों के बारे में अवश्य बताएं जो भारत के गौरव को भुलाने और देश के बारे में आत्महीनता के गर्त में धकेलने की कोशिश करते रहते हैं। मातृभूमि के गौरव रक्षा की यह संघर्ष गाथा ही हमारी प्रेरणा है। यही विश्व में भारत को अग्रगण्य स्थान पर प्रतिष्ठित करेगी।

उक्त विचार कायस्थ संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन श्रीवास्तव ने सिविल लाइंस स्थित एक होटल में वीर सावरकर की जयंती पर व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि स्वाधीनता संघर्ष के अग्नियुग पुत्र का महानायक विनायक दामोदर सावरकर का स्मरण कर आज भी रोम-रोम सुलग उठता है। ब्रिटिश शासन जिसके बोलने लिखने तक से थर्राता था। जिसकी संघर्षशीलता और देश की आजादी के लिए जीवन सर्वस्व झोंक देने की हिम्मत व जज्वे ने “वीर“ शब्द उपाधि स्वरूप उनके नाम में ही जोड़ दिया। भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी के अमृत महोत्सव को मनाते समय वीर सावरकर की जीवनगाथा देश के नौजवानों को राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा देगी।



उन्होंने कहा कि उनके योगदान को रेखांकित किए बिना देश की आजादी की गौरवगाथा बेमानी है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के नासिक जिले के भागूर में 28 मई 1883 को जन्मे वीर सावरकर विद्यार्थी जीवन से ही भारत में ब्रिटिश राज के विरुद्ध एक तड़प लेकर बड़े हुए। अंग्रेजों की नाक के नीचे लंदन में बैठकर स्वाधीनता की आंच को तेज करने और वहां रह रहे भारतीय नौजवानों को इसके लिए संगठित व प्रेरित करने के उद्देश्य से सावरकर पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए। वहां प्रसिद्ध “इंडियन हाउस“ को भारत की आजादी के आंदोलन की गतिविधियों का केंद्र बनाकर एक नई पहचान दी।

उन्होंने कहा कि लंदन में भारत की स्वाधीनता के आंदोलन की आग धधकाने में सावरकर की बड़ी भूमिका थी। धीरे-धीरे वे ब्रिटिश राज की निगाहों में आकर आंख की किरकिरी बनने लगे और इस फिराक में रहने लगे कि कैसे सावरकर को रास्ते से हटाए और ब्रिटिश शासन की बेड़ियों में जकड़े।

इस अवसर पर हाईकोर्ट के वकील अजित श्रीवास्तव, सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, संदीप चौहान, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, गौरीश आहूजा, सूरज सोनकर, पूर्व पार्षद नीरज गुप्ता, आलोक श्रीवास्तव, कुशाग्र श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।