शादी का अनोखा कार्ड, भगवान गणेश की जगह लगाई डॉ. भीमराव अम्बेडकर की फोटो
शादी कार्ड को अनूठे तरीके से छपवाने का बदल रहा ट्रेंड
मीरजापुर,14 अप्रैल । शादी के कार्ड को अनूठे तरीके से छपवाने का ट्रेंड दिन ब दिन बदलता जा रहा है। शहर ही नहीं गांवों में भी इसको लेकर लोगों की सोच बदल रही हैं। शादी के कार्डों में अब तक भगवान की फोटो छपी हुई तो देखी जा सकती थी, लेकिन अब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की तस्वीर छपवाई जा रही है। परंपरा से हटकर ऐसा ही मामला सामने आया है कोन ब्लॉक के गड़गेड़ी गांव में। शादी का अनोखा कार्ड समाज व गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल, 16 अप्रैल को कोन ब्लॉक के गड़गेड़ी गांव निवासी रामजियावन के बेटे अनिल की शादी होनी है। शादी कार्ड पर भगवान गणेश की तस्वीर की जगह डॉ. भीमराव अम्बेडकर की फोटो लगी है और फोटो के ऊपर वोधीसत्व डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर लिखा है। अनूठे तरीके से कार्ड छपवाने के पीछे उनकी सोच है कि युवा पीढ़ी हमारे महापुरुषों को भूल रही है। ऐसे में यह कार्ड जब-जब घर तक पहुचेंगे तो हमारे बीच यह महापुरुष हमेशा प्रासंगिक रहेंगे।
शादी कार्ड छापने वाले प्रिंटिंग प्रेसवालों को अपने कंप्यूटर में अब एक और फोल्डर बनाना पड़ रहा है। देवी-देवताओं के फोल्डर के पास अब भीमराव अंबेडकर के क्लिपआर्ट जमा हो रहे हैं।
दरअसल, अब दलित परिवारों में शादी कार्ड पर देवी-देवताओं की बजाय अम्बेडकर का चित्र प्रकाशित करवाने का चलन बढ़ गया है। एक प्रिंटिंग प्रेस वाले की मानें तो अब दलित ग्राहकों की पहली मांग कार्ड पर अम्बेडकर की तस्वीर लगाने की होती है।
महापुरुष हमेशा बुराइयों के खिलाफ लड़े, उन्हीं को कर रहे याद
रामजियावन का कहना है कि युवा पीढ़ी संविधान निर्माता बाबा साहेब को दिन-ब-दिन भूलती जा रही है। लोग उन्हें जयंती पर ही याद करते हैं। हमारा उद्देश्य है कि जिस तरह हम देवी-देवताओं का स्मरण समय-समय पर करते हैं। उसी प्रकार अम्बेडकर को भी यादों में रखें। डा. भीमराव अम्बेडकर अपने समाज से हटकर बिना किसी स्वार्थ के समाज में फैली जात-पात, दहेज प्रथा, बाल विवाह व अन्य कुरीतियों को मिटाने के प्रयास किए थे। आज ये ही कुरीतियां प्रचार-प्रसार के अभाव के कारण पुन: पैर पसार रही हैं।