प्रतापगढ़ के दो जवान शहीद
एक भूस्खलन में तो दूसरे की बीमारी से हुई मौत
प्रतापगढ़, 31 जुलाई। भारतीय सेना में कार्यरत प्रतापगढ़ जिले के दो जवानों की मौत की खबर आज उनके परिवार को मिली। एक जवान की मौत भूस्खलन के चलते तो दूसरे की बीमारी से मौत हुई है। इसकी सूचना मिलते ही शहीद जवानों के घर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। शहीदों के पार्थिव शरीर को गृह जनपद लाया जा रहा है।
कंधई थानाक्षेत्र के सराय नानकार निवासी विजय नारायण तिवारी का बेटा चंद्रलोक तिवारी (26) सेना में थे ।उनकी राजस्थान के जोधपुर में तैनाती थी। बीते दिनों चंद्रलोक की अचानक तबीयत बहुत खराब हो गयी तो इलाज के लिए वहीं के सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। राहत नहीं मिलने पर 26 जुलाई को दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में ले जाया गया। शुक्रवार रात एक बजे के करीब चंद्रलोक तिवारी ने दम तोड़ दिया। शनिवार को मौत की सूचना गांव पहुंची तो पूरे परिवार में कोहराम मच गया। बेटे की मौत की खबर सुनकर पिता विजय नारायण तिवारी, माता शकुंतला देवी रो-रोकर हाल बेहाल है।
अंतू थाना क्षेत्र के पूरे भैया निवासी रितेश पाल (32) सन 2010 में आर्मी में भर्ती हुए और उनकी वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के मनाली में तैनाती थी। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, सड़क पर जमी बर्फ को सेना के जवान आवागमन बहाल करने के लिए साफ कर रहे थे। सेना के जवानों की टीम में रितेश पाल भी शामिल थे। अचानक हुए भूस्खलन से बर्फ का एक बड़ा टुकड़ा रितेश पाल के ऊपर आ गिरा। बर्फ के टुकड़े की चपेट में आने से रितेश जेसीबी मशीन समेत गहरी खाई में जा गिरे। साथियों ने रितेश पाल को बचाने की कोशिश की पर उन्हें बचाया नहीं जा सका।
सेना के कंट्रोल रूम ने शनिवार की देर रात को रितेश पाल के परिजनों को घटना की जानकारी दी। रितेश पाल के शहादत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पिता मूलचंद पाल को बेटे को खोने का गम है तो उसकी शहादत पर गर्व भी है। गांव में शहीद बेटे रितेश पाल के पार्थिव शरीर के पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है।
रितेश के शहीद होनें की खबर से पूरे क्षेत्र में फैली शोक की लहर है। रितेश का छोटा भाई भी सेना में है।