छूकर उपचार करने की पद्धति है स्पर्श चिकित्सा : सतीश राय
--कुछ अधिकारियों ने महाकुम्भ मेला की छवि खराब की, सीएम से होगी शिकायत

महाकुम्भ नगर, 15 फरवरी (हि.स.)। महाकुम्भ मेला के बजरंगदास मार्ग, सेक्टर 10 स्थित एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान शिविर में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने बताया कि हमारे वेदों में जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, अग्नि चिकित्सा, सूर्य चिकित्सा, मंत्र चिकित्सा के साथ-साथ स्पर्श चिकित्सा का भी उल्लेख मिलता है।
उन्होंने बताया कि हमारे ऋषि मुनि सर्वथा स्वस्थ रहने के लिए स्पर्श चिकित्सा का उपयोग करते थे। वर्तमान में यह पद्धति लुप्त हो गई है। यह चिकित्सा पद्धति सबसे प्राचीन पद्धति है। हमारे पूर्वजों का मानना था कि 90 प्रतिशत बीमारियां साइकोसोमेटिक होती है। अर्थात मन के कारण। जैसा हम सोचते हैं वैसे ही हमारी बॉडी रिस्पांस भी देती है। इस पद्धति के माध्यम से हमारे दो हाथ शरीर के हर बीमारी का इलाज करने की ताकत रखते हैं। वेदों में भी इन हाथों को औषधि युक्त कहा है। आज भी आपके हाथ उतने ही पावरफुल हैं जितने वैदिक काल में थे। आपके हाथों में छुपी इन शक्तियों की एहसास दिलाता है स्पर्श चिकित्सा उपचार।
सतीश राय ने बताया कि, स्पष्ट चिकित्सा सुविचार करने के लिए न तो हमें कुंडली जागरण करने की आवश्यकता है, न ही मेडिटेशन और न हीं कोई दवा या सूई। फिर भी यह आपको स्वस्थ रखने के लिए काम करता है। इसमें उपचार सिर्फ अपने हाथों से करना है, वह भी बिना किसी सहयोग के या मेंटल फिजिकल और आध्यात्मिक स्थिति में सुधार करती है या शरीर के चक्र को बैलेंस करती है।
उन्होंने कहा कि, अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर स्थापना और प्रयागराज में बृहद एवं विशाल महाकुम्भ का आयोजन होना सनातन धर्म का इतना बड़ा मेला अब तक नहीं हुआ है। इसका पूरा श्रेय हमारे प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी को जाता है। मैंने अपने पूरे जीवन में अब तक का इतना भव्य कुछ भी नहीं देखा। यह एक सुखद सपने की तरह है। इस समय पूरा प्रयागराज स्वर्ग की तरह सजा हुआ है। देश-विदेश से लोग आ रहे हैं।
उन्होंने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि, परंतु इस मेले में तैनात कुछ अधिकारी महाकुम्भ मेला की छवि शुरू से ही धूमिल करने में लगे थे। श्रद्धालुओं के कष्ट का कारण भी यही लोग थे। महाकुम्भ में मेला प्रशासन द्वारा स्पर्श चिकित्सा शिविर का सहयोग न किए जाने के कारण इस बार श्रद्धालुओं को लाभान्वित नहीं कर पाए और न ही कोई बहुत बड़ा आयोजन हीं हो पाया। इस महाकुम्भ की समाप्ति के पश्चात मैं मुख्यमंत्री योगीजी से मिलकर महाकुम्भ के समय यथा स्थिति से अवगत कराते हुए उन अधिकारियों की मेले में भूमिका एवं उनके सम्पत्तियों की जांच कराने का अनुरोध करूंगा।