महाकुम्भ में सनातन विश्व का हो रहा संगम : शंकराचार्य वासुदेवानंद
महाकुम्भ में सनातन विश्व का हो रहा संगम : शंकराचार्य वासुदेवानंद
महाकुम्भ नगर, 25 जनवरी । श्रीमज्योतिषपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कुम्भ मेला शिविर में आए श्रद्धालु, भक्तों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि प्रयागराज में सम्पन्न हो रहे कुम्भ मेला में सम्पूर्ण सनातन विश्व का संगम हो रहा है।
शंकराचार्य ने कहा कि प्रयागराज भारत में विश्व के सभी देशों के सनातन धर्मी पधार रहे हैं और सम्पूर्ण सनातन विश्व का संगम प्रयागराज में हो रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व के विभिन्न देशों में मिल रहे देवी देवताओं की मूर्तियों से स्पष्ट व सिद्ध है कि पहले भी सनातन धर्म का अस्तित्व एवं विस्तार सम्पूर्ण विश्व में था और अब सनातन आस्था के बीज व सनातन धर्म की जड़े भारत में होना सिद्ध हो गया है। हजारों वर्षों तक विधर्मी शासकों की ज्यादती, मनमानी व सनातन धर्म विरोधी क्रिया कलापों से सनातन धर्म को मानने वालों को लम्बी अवधि तक धार्मिक संकट से होकर गुजरना पड़ा।
महाकुम्भ नगर का स्वरूप यहां आए सनातन धर्म के विभिन्न शाखाओं के धर्माचार्य सनातन संस्कृति, प्रकृति एवं आकृति को आगंतुक श्रद्धालुओं को अपने प्रवचनों के माध्यम से बता रहे हैं, जिसे श्रद्धालु भक्तगण आत्मसात भी कर रहे हैं। आचार्य अखाड़ा और जगतगुरु शंकराचार्य जन द्वारा आध्यात्मिक व संस्कार मूलक ज्ञान व धार्मिक पुस्तकों का वितरण भी महाकुम्भ में आने व गंगा स्नान करने वाले भक्तों की जिज्ञासा को शांत कर रहे हैं। यह सनातन धर्म का ही प्रभाव है कि सनातन धर्म को मिटाने वाले मिट गए, नष्ट हो गए। किंतु सनातन धर्म और सनातन धर्म के अनुयाई न मिटे और न ही नष्ट हुए।
श्रीमज्योतिषपीठ प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी ने बताया कि प्रतिदिन सांय राधा मोहन द्वारा श्री रामचरितमानस का पाठ तथा अपराह्न 2 बजे से शंकराचार्य जी का प्रवचन, आशीर्वाद उनके मेला शिविर में होता है। जहां हजारों की संख्या में भक्तगण आशीर्वाद लेने आते हैं।