सुशासन तिहार : राजस्व प्रकरणों का त्वरित समाधान और जमीनी स्तर पर बदलाव की नई शुरुआत

सुशासन तिहार : राजस्व प्रकरणों का त्वरित समाधान और जमीनी स्तर पर बदलाव की नई शुरुआत

रायपुर, 2 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आम नागरिकों की समस्याओं को त्वरित निराकृत करने के लिए संचालित सुशासन तिहार के तहत् कलेक्टर महासमुंद विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में राजस्व विभाग की टीम द्वारा समस्याओं का तत्परता से समाधान किया जा रहा है। राजस्व विभाग द्वारा समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु किए जा रहे पहल प्रशासनिक दक्षता का प्रतीक ही नहीं बल्कि आम जनता को राहत देने वाले ठोस प्रयास भी हैं।

सुशासन तिहार के इतर सामान्य दिनों में राजस्व विभाग के समक्ष आने वाले सबसे सामान्य लेकिन जटिल प्रकरणों में सीमांकन की समस्या प्रमुख है। पहले इन प्रकरणों के निराकरण में काफी समय लग जाता था, जिससे आम जनता को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन सुशासन तिहार के दौरान इन प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर समाधान जा रहा है। ग्राम चौकबेड़ा के किसान ब्रज प्रसाद की भूमि का सीमांकन वर्षों से लंबित था, जिससे खेती करना मुश्किल हो गया था। अभियान के दौरान राजस्व विभाग द्वारा दो दिनों के भीतर सीमांकन कर दिया गया, जिससे किसान परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। इसी तरह उपतहसील पटेवा अंतर्गत किसान पंचराम और झाखरमुडा में ग्रामीणों के भूमि का सीमांकन की कारवाई की गई ।

इस अभियान में केवल बड़े प्रकरणों पर ही नहीं, बल्कि आम जनजीवन से जुड़ी छोटी-छोटी समस्याओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। भू-अभिलेख की प्रतिलिपि, सीमांकन रिपोर्ट की प्रति, किसान किताब, भूमि स्वामित्व की त्रुटियों का संशोधन, खातों की अद्यतन जानकारी जैसी छोटी-छोटी लेकिन संवेदनशील समस्याओं का तत्काल समाधान किया जा रहा है।

अभियान के दौरान राजस्व विभाग द्वारा बसना तहसील अंतर्गत ग्राम डूमरपाली के किसान महेशराम, ग्राम जगत के मीन केतन और राजकुमार को तहसीलदार द्वारा किसान किताब का वितरण किया गया। इसके अलावा बागबाहरा के ग्राम तेंदुलोथा के पुरी हरपाल को भी किसान किताब एक सप्ताह के भीतर प्रदाय किया गया।

सुशासन तिहार की इस अभियान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आम जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। लोग अब यह महसूस कर रहे हैं कि उनका शासन उनके द्वार पर है। बसना के किसान पंचराम ने कहा, “अब हमें तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, अफसर खुद गांव आकर समस्या का समाधान कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सरकार की यह पहल वास्तव में समाधान कारक है। यह अभियान केवल एक प्रशासनिक अभियान ही नहीं, बल्कि आम जनता से जुड़ने और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुलझाने का एक सशक्त माध्यम है। महासमुंद जिले में इस अभियान ने प्रशासन की संवेदनशीलता और जवाबदेही को जमीनी स्तर पर सिद्ध करने का प्रयास किया है।