दबे, कुचले और पिछड़ों के हितचिंतक थे कल्याण सिंह : अमित शाह

दबे, कुचले और पिछड़ों के हितचिंतक थे कल्याण सिंह : अमित शाह

दबे, कुचले और पिछड़ों के हितचिंतक थे कल्याण सिंह : अमित शाह

अलीगढ़, 23 अगस्त । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अलीगढ़ के अतरौली पहुंचकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन के नायक कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कल्याण के निधन से दबे, कुचले और पिछड़ों ने अपना एक हितचिंतक खो दिया है।

अमित शाह ने कहा, ‘‘आज मैं कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन के लिए आया हूं। कल्याण सिंह का इस दुनिया से जाना भाजपा के लिए बहुत बड़ी क्षति है।’’ उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह के जाने के साथ ही भाजपा ने अपना एक दिग्गज और हमेशा संघर्षरत रहने वाला नेता खोया है। देश भर के दबे कुचले और पिछड़ों तथा विशेषकर उत्तर प्रदेश के दबे कुचले पिछड़ों ने अपना एक हित चिंतक गंवाया है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन के कल्याण सिंह बड़े नेता रहे और राम काज के लिए सत्ता त्याग करने में उन्होंने तनिक भी नहीं सोचा था।

पुरानी स्मृतियों को ताजा करते हुए शाह ने कहा कि जब राम जन्मभूमि का शिलान्यास हुआ तो उसी दिन बाबूजी से बात हुई थी, तो बड़े हर्ष और संतोष से उन्होंने बताया था कि आज मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हुआ। उनका पूरा जीवन विकास और उत्तर प्रदेश के लोगों को लिए समर्पित रहा। उत्तर प्रदेश को अच्छा प्रदेश बनाने के लिए वह सदैव कार्यरत रहे।

उन्होंने कहा कि गरीब तबके से उठकर इतना बड़ा नेता बनना, विचारधारा के लिए संघर्ष करना, समाज के लिए समर्पित रहना, कल्याण सिंह का यह संघर्ष और त्याग हम सभी भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए सदैव प्रेरणा की चीजें रहेंगी। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह के निधन से भाजपा के अंदर एक बड़ी रिक्तता बन गई है और इसे भर पाना लंबे समय तक मुश्किल होगा।

शाह ने कहा कि काफी समय से सक्रिय राजनीति में न रहते हुए भी जिस प्रकार का जनसैलाब उन्हें श्रद्धांजलि देने आया, विशेषकर युवा, वह यही साबित करता है कि यूपी के सार्वजनिक जीवन पर उन्होंने एक गहरी छाप छोड़ी है। हम हृदय से गहरी श्रद्धांजलि देते हैं और वादा करते हैं कि गरीबों, पिछड़ों और दबे कुचलों के लिए संघर्षरत रहेंगे।

इस मौके पर उपस्थित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि कल्याण सिंह व्यक्ति नहीं, संस्था थे। आंदोलन थे। उनके दिमाग में गरीब, किसान, पिछड़े और शोषित के कल्याण की भावना थी। वह केवल उनके नेतृत्व में ही नहीं, उनकी कविताओं में भी प्रदर्शित होती थी। उन्होंने क्रांति का शंखनाद किया था।

चैहान ने कल्याण सिंह की एक कविता भी सुनाई और कहा कि सामान्य परिवार में जन्म लेकर यूपी के मुख्यमंत्री तक का सफर और अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण का संकल्प उनके बिना पूरा नहीं हो सकता था। उन्होंने मध्य प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।


केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह ने कहा कि राजनीति में ऐसे सच्चे नेता विरले होते हैं, जिन्हें जनसमर्थन प्राप्त होता है और उनके प्रति सच्ची श्रद्धा होती है।