प्रयागराज में किन्नर महापौर की तैयारी
समाज के विकास के लिए दिया जाए एक मौका : महामण्डलेश्वर
प्रयागराज, 24 अगस्त । गोरखपुर की तरह प्रयागराज में भी किन्नर महापौर बनाने की तैयारियां व्यापक स्तर पर शुरू हो गई है। दर्जन भर संस्थाओं ने उप्र किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और किन्नर अखाड़ा उत्तर प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि का प्रयागराज के महापौर पद के लिए समर्थन करते हुए चुनाव में उतारने की तैयारी शुरू कर दी है।
संस्था के लोगों का कहना है कि अभी तक कई महिला और पुरुष प्रयागराज में महापौर पद पर चुने गए हैं, लेकिन उन्होंने पूरी तरह से क्षेत्र और समाज का विकास नहीं किया है। इसलिए अब एक बार किन्नर समाज से महापौर का चुनाव किया जाए जिससे समाज और शहर का चतुर्दिक विकास हो सके।
देश और विश्व की पहली किन्नर समाज की महापौर गोरखपुर की आशा थी। वह वर्ष 2001 में हुए चुनाव में भारी मतों से चुनी गयी थी। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा की पूर्व महापौर अंजू चौधरी को करीब 70,000 मतों से बुरी तरह से पराजित किया था। जबकि भाजपा, सपा और बसपा सहित अन्य प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। गोरखपुर की महापौर किन्नर आशा के चुने जाने के बाद से देश ही नहीं विश्व में किन्नर समाज को राजनीतिक प्रतिनिधित्व का मौका मिला था और लोगों की विकास और समाज के हित के लिए किन्नर समाज की ओर गया। इससे किन्नर समाज में एक नई सामाजिक और राजनीतिक चेतना विकसित हुई।
इसी तरह मध्य प्रदेश में शबनम विधायक और झारखंड में एक किन्नर मजिस्ट्रेट चयनित हुई है। प्रयागराज में भी कई संस्थाओं ने महापौर पद के लिए किन्नर प्रत्याशी उतारने की तैयारियां शुरू कर दिया है। इसके लिए व्यापक स्तर पर जनसम्पर्क शुरू कर दिया है। बड़ी संख्या में लोगों ने किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और किन्नर अखाड़ा उत्तर प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष को महापौर पद के लिए योग्य प्रत्याशी मानते हुए समर्थन दिया है।
संस्था के लोगों का कहना है कि वैसे भी भाजपा में महापौर पद के लिए पुरुष और महिला पदाधिकारियों में मारामारी मची है। क्योंकि 50 से अधिक पदाधिकारी महापौर चुनाव के टिकट के लिए बडे पदाधिकारियों के आवास और कार्यालयों का चक्कर लगाना शुरू कर दिये हैं। वरिष्ठ समाजसेवी नाजिम अंसारी, श्रीनारायण, राजीव मिश्रा, सुनील कुमार पांडे, रामअवतार, शिव कुमार, संतोष कुमार, डॉ हरिप्रकाश यादव, कृष्ण चंद्र, जितेंद्र कुमार, शिवा सहित बड़ी संख्या में लोगों ने कहा कि अब सामाजिक और राजनीतिक बदलाव के लिए किन्नर समाज को आगे आना होगा। जिससे वह विकास के साथ-साथ लोगों की मदद भी कर सकें। पदाधिकारियों ने कहा कि अभी तक जो भी महिला या पुरुष महापौर का चुनाव जीतते थे वह लोग अपना और अपने लोगों के हित तक काम करने में सीमित रह जाते हैं लेकिन किन्नर प्रदेश और देश की सेवा करते हैं।
स्वामी कौशल्यानंद गिरी ने कहा कि पार्टी नेतृत्व और वरिष्ठ पदाधिकारियों का जो निर्देश होगा उसका पूरी तरह से पालन किया जायेगा। उधर, किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का कहना है कि किन्नर भी आम लोगों के और आपके बीच के ही हैं। वह सदियों से उपेक्षित रहे हैं ऐसे में अब जरूरी हो गया कि समाज में बदलाव होना चाहिए और किन्नरों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकार मिलना चाहिए। आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा कि अगर कोई किन्नर महापौर बनता है तो वह समाज के लोगों और शहर के विकास के लिए बहुत कुछ करेगा। उन्होंने कहा कि हम लोगों को अपना नहीं समाज और देश के विकास के लिए आगे आ रहे हैं।