नौ दिन में आठवीं बार पेट्रोल-डीजल की कीमत में इजाफा
राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का भाव 101.01 रुपये प्रति लीटर
नई दिल्ली, 30 मार्च । पेट्रोल और डीजल की कीमत में 22 मार्च से शुरू हुआ बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार जारी है। सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आज एक बार फिर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा किया है। दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमत में प्रति लीटर 80 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। इस बढ़ोतरी के बाद आज राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 101.01 रुपये और डीजल की कीमत 92.27 रुपये प्रति लीटर हो गई है। 22 मार्च के बाद से आज तक के नौ दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमत में आठ बार बढ़ोतरी की जा चुकी है।
सिर्फ 24 मार्च को पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। इस एक दिन के अलावा हर दिन दोनों जिंस की कीमत में सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां बढ़ोतरी कर रही हैं। 22 मार्च से लेकर आज तक पेट्रोल और डीजल की कीमत में की गई आठ बार के इजाफे में से 22, 23, 25 और 26 मार्च को पेट्रोल और डीजल दोनों जिंस की कीमत में प्रति लीटर 80 पैसे की बढ़ोतरी की गई। 27 मार्च को पेट्रोल में 50 पैसे और डीजल में 55 प्रति लीटर, 28 मार्च को पेट्रोल में 30 पैसे और डीजल में 35 पैसे प्रति लीटर, 29 मार्च को पेट्रोल में 80 पैसे और डीजल में 70 पैसे प्रति लीटर और आज दोनों जिंस में 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकारी ऑयल कंपनियों को अपने संचित घाटे को पूरा करने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कम से कम 14 से 24 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है। हालांकि ये बढ़ोतरी एक झटके में करने की जगह छोटी-छोटी किस्त में की जाएगी।
4 नवंबर, 2021 के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमत में की गई बढ़ोतरी के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में सुधार आने की उम्मीद में सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 137 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। हालांकि इस दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमत को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी होती रही और सरकार पर पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की वजह से इन दोनों जिंस की कीमत को स्थिर बनाए रखने का आरोप भी लगा।
मार्च के दूसरे पखवाड़े में जब ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का संचित घाटा काफी विशाल हो गया और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सुधार होने के कोई लक्षण नजर नहीं आए तो सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को करीब साढ़े चार महीने बाद पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर होना पड़ा। अंतरराष्ट्रीय एजेंसी मूडीज की रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमत में साढ़े 4 महीने तक बढ़ोतरी नहीं किए जाने की वजह से उन्हें 19,000 करोड़ रुपये से अधिक का संचित घाटा हो चुका है। इस संचित घाटे को पूरा करने के लिए अब सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के सामने कुछ दिन तक लगातार छोटी किस्तों में पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी करने की मजबूरी बन गई है।