गलत कैडर पर हुए अन्तर जनपदीय तबादले को रद्द करने के खिलाफ याचिका खारिज

गलत कैडर पर हुए अन्तर जनपदीय तबादले को रद्द करने के खिलाफ याचिका खारिज

गलत कैडर पर हुए अन्तर जनपदीय तबादले को रद्द करने के खिलाफ याचिका खारिज

प्रयागराज, 07 जुलाई । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि बेसिक शिक्षा विभाग की शिक्षक सेवा नियमावली 1981 के अनुसार विभाग में शहरी और ग्रामीण अलग-अलग कैडर हैं, तथा गलत कैडर बताकर कुछ शिक्षकों द्वारा शहरी कैडर में कराए गए अंतर जनपदीय स्थानांतरण को रद्द करना गलत नहीं है। कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।

विभाग ने इन शिक्षकों का स्थानांतरण रद्द करके इनको मूल जनपदों में वापस भेज दिया था, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी मगर याचीगण को राहत देते हुए यह भी कहा है कि भविष्य में यदि वे स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं तो उनके कैडर और अंकों के आधार पर उनका स्थानांतरण करने पर विचार किया जाए।



रीना उपाध्याय व 13 अन्य सहित दर्जनों याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा ने दिया है। याचीगण का कहना था कि अंतर जनपदीय तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। गलती से उन्होंने अपना कैडर ग्रामीण की जगह शहरी लिख दिया, जिसके आधार पर विभाग ने उनको दूसरे जनपद में शहरी कैडर में स्थानांतरित कर दिया। बाद में इस गलती की जानकारी सामने आने पर विभाग ने स्थानांतरण रद्द कर दिए और शिक्षकों को उनके मूल कैडर में वापस उन्हीं जनपदों में भेज दिया जहां वह पूर्व में नियुक्त थे।



अधिवक्ता का कहना था कि एक बार स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद उसे रद्द नहीं किया जा सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग की अधिवक्ता का कहना था कि बेसिक शिक्षा शिक्षक सेवा नियमावली के अनुसार शहरी और ग्रामीण दो अलग-अलग कैडर है तथा प्रथम चरण में एक कैडर से दूसरे कैडर में स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है। यह स्थानांतरण दूसरे चरण में विहित प्रक्रिया के तहत ही किया जा सकता है। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए स्थानांतरण रद्द करने की कार्रवाई में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। मगर यह भी कहा है कि भविष्य में यदि याचीगण अंतर जनपदीय तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं तो उनके आवेदन पर उनके अंकों व कैडर के अनुसार विचार किया जाए।