नेतन्याहू का विवादास्पद बयान: ईरान के सर्वोच्च नेता की हत्या से संघर्ष समाप्त करने का संकेत

वैश्विक तनाव में वृद्धि की आशंका

नेतन्याहू का  विवादास्पद बयान: ईरान के सर्वोच्च नेता की हत्या से संघर्ष समाप्त करने का संकेत

जेरूसलम, 17 जून । इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को एक ऐसा बयान दिया है जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर हलचल पैदा कर दी है और इसे अत्यंत विवादास्पद माना जा रहा है। नेतन्याहू ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि मध्य पूर्व में इजराइल के कट्टर दुश्मन ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को सीधे तौर पर निशाना बनाना एक संभावित विकल्प हो सकता है। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि नेतन्याहू का मानना है कि ऐसा कदम क्षेत्र में जारी संघर्ष को बढ़ाने के बजाय वास्तव में समाप्त कर देगा।

यह टिप्पणी उन्होंने एक प्रमुख अमेरिकी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान की, जो इजराइल-ईरान तनाव के मौजूदा उच्च स्तर के बीच आई है। जब साक्षात्कारकर्ता ने उनसे सीधा और तीखा सवाल पूछा कि क्या खामेनेई की हत्या इजराइल के लिए विचाराधीन विकल्पों में से एक है, तो नेतन्याहू ने सीधा 'हाँ' या 'नहीं' में जवाब देने से बचते हुए, एक अप्रत्यक्ष लेकिन स्पष्ट धमकी भरा जवाब दिया। उन्होंने कहा, "हम वो कर रहे हैं जो हमें करना है।" इस बयान को ईरान के नेतृत्व के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है।

नेतन्याहू ने अपने इस विचार को सही ठहराते हुए कहा कि ईरानी शासन पिछले पचास वर्षों से न केवल इजराइल बल्कि पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र को अस्थिर कर रहा है और आतंकित करता आया है। उन्होंने ईरान पर आरोप लगाया कि उसकी नीतियां "हमेशा का युद्ध" (perpetual war) चाहती हैं और वह अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं और proxy समूहों के समर्थन से दुनिया को परमाणु युद्ध के कगार पर धकेल रहा है। उन्होंने दावा किया कि इजराइल द्वारा उठाए जा रहे सभी कदम, चाहे वे सैन्य हों या अन्य, वास्तव में ईरान की इस लगातार बढ़ती आक्रामकता और अस्थिर करने वाली गतिविधियों को रोकने और इसे जड़ से खत्म करने की दिशा में हैं।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि यदि ईरान के सर्वोच्च नेता को निशाना बनाने जैसा कोई कदम सचमुच क्षेत्र में चल रहे संघर्ष को समाप्त कर सकता है, तो यह निश्चित रूप से एक बेहतर विकल्प होगा। उन्होंने यहाँ तक कहा कि शायद "यही एकमात्र तरीका है" इस स्थायी तनाव और हिंसा के चक्र को तोड़ने का। उन्होंने अपने बयान का समापन अत्यंत दृढ़ और नैतिक लहजे में करते हुए कहा कि "बुराई की ताकतों के खिलाफ डटकर खड़ा होना ही होगा"। इस तरह उन्होंने ईरानी शासन को सीधे तौर पर 'बुराई की ताकत' के रूप में चित्रित किया, जो इस संघर्ष को एक वैचारिक लड़ाई के रूप में प्रस्तुत करता है।

नेतन्याहू का यह बयान अंतरराष्ट्रीय कानून और राजनयिक मानदंडों का गंभीर उल्लंघन करने वाला माना जा सकता है, जो सीधे तौर पर किसी राष्ट्राध्यक्ष (इस मामले में, सर्वोच्च नेता जो राष्ट्र प्रमुख के समकक्ष हैं) को निशाना बनाने की बात करता है। इस तरह की कार्रवाई, अगर कभी की जाती है, तो ईरान और इजराइल के बीच पहले से ही उच्च तनाव को अप्रत्याशित और विनाशकारी स्तर तक बढ़ा सकती है, जिससे पूरे क्षेत्र में और संभवतः वैश्विक स्तर पर व्यापक संघर्ष भड़क सकता है। इस बयान पर ईरान की कड़ी प्रतिक्रिया आने की संभावना है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय, जिसमें इजराइल के सहयोगी भी शामिल हैं, इस पर चिंता व्यक्त कर सकते हैं या निंदा कर सकते हैं। कुल मिलाकर, बेंजामिन नेतन्याहू का यह बयान इजराइल की ईरान नीति में एक अत्यंत आक्रामक संभावित सोच का संकेत देता है और मध्य पूर्व की भू-राजनीति के लिए गहरे और खतरनाक निहितार्थ रखता है।