महंत नरेन्द्र खुदकुशी केस: एफआईआर में सिर्फ आनन्द गिरी का नाम

महंत नरेन्द्र खुदकुशी केस: एफआईआर में सिर्फ आनन्द गिरी का नाम

महंत नरेन्द्र खुदकुशी केस: एफआईआर में सिर्फ आनन्द गिरी का नाम

प्रयागराज, 21 सितम्बर । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरी की मौत के मामले में पुलिस की जांच जारी है। जार्जटाउन थाने में धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है, जिसमें महन्त के प्रमुख शिष्य आनन्द गिरी का नाम लिखित तौर पर एफआईआर में दर्ज है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं पंचायती निरंजनी अखाड़ा के महन्त नरेन्द्र गिरी की सोमवार को हुई संदिग्ध मौत मामले में जार्जटाउन थाने में उनके शिष्य अमर गिरी पवन महराज ने तहरीर दिया है। इसमेें उन्होंने बताया कि प्रतिदिन की भांति तीन बजे चाय का समय होने पर चाय पीते थे। लेकिन वह पहले से मना किया था कि जब पीना होगा, तब हम स्वयं सूचित करेंगे। शाम को लगभग पांच तक कोई सूचना न मिलने पर फोन किया गया, लेकिन फोन बन्द आ रहा था। दरवाजा खटखटाया गया तो कोई आहट न मिलने पर सुमित तिवारी, सर्वेश कुमार द्विवेदी तथा धनन्जय आदि शिष्यों के द्वार दरवाजा धक्का देकर दरवाजा खोला गया तो देखा कि महाराज पंखे में रस्सी द्वारा लटक रहे थे। जीवन की सम्भावना को देखते हुए शिष्यों द्वारा रस्सी काटकर उन्हें नीचे उतारा गया, तब तक वह स्वर्गलोक के वासी हो चुके थे। महराज जी को पिछले कुछ महीनों से आनन्द गिरी परेशान कर रहा था। यह बात कभी-कभी वह स्वयं कहा करते थे कि आनन्द गिरी हमे बहुत परेशान करता रहता है। यह सूचना हम लोगों ने पुलिस को लिखित दिया। पुलिस ने आनन्द गिरी के खिलाफ धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज लिया है।

पुलिस ने रस्सी, सुसाइट नोट और महंत नरेन्द्र गिरी के मोबाइल फोन को जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस सूत्रों कहना है कि सीडीआर निकाल कर उनके सम्पर्क में रहने वाले संदिग्ध राजनीतिक एवं आखाड़ा परिषद में आने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी व उनके बेटे संदीप तिवारी को सोमवार शाम ही मंदिर से हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। सूत्रों की माने से आनन्द गिरी से मंदिर के पुजारी एवं उसके बेटे संदीप तिवारी का बहुत गहरा सम्बन्ध है। अखाड़ा परिषद की सम्पत्ति को लेकर भी पुराने विवादों के सम्बन्ध में पुलिस जांच कर रही है।

वीडियो क्लिपिंग को लेकर चर्चा

पुलिस सूत्रों की माने तो इतने निर्भिक रहने वाले संत नरेन्द्र गिरी आत्महत्या जैसा कदम कैसे उठा सकते है। उनकी पुलिस एवं प्रशानिक अधिकारियों से बहुत करीबे सम्बन्ध थे। यदि उन्हें कोई इस तरह की बात होती तो वह बता सकते थे। एक वीडियो क्लिपिंग की भी चर्चा हो रही है, उसकी जांच के लिए भी सर्विलांस की टीम को लगाया गया है। आशंका है कि कहीं उन्हें वीडियों क्लीपिंग के जरिये कोई ब्लैक मेल तो नहीं कर रहा था। इन सभी पहलुओं पर पुलिस की टीम काम कर रही है।