महाकुम्भ: दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में 33 दिवसीय अखंड रुद्री पाठ: दिनेश चन्द्र

महाकुम्भ: दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में 33 दिवसीय अखंड रुद्री पाठ: दिनेश चन्द्र

महाकुम्भ: दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में 33 दिवसीय अखंड रुद्री पाठ: दिनेश चन्द्र

महाकुम्भ नगर,15 जनवरी(हि.स.)। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में 33 दिनों तक नॉन स्टाप अखंड रुद्री पाठ और ब्रह्म ज्ञान ध्यान किया जाएगा। जिसका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंटरनेशन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान बनाने का प्रयास किया जाएगा। वर्चुअल रियलिटी वीआर जोन की शुरुआत की गई है। इससे आगंतुक 3डी और वीएफएक्स तकनीकों के माध्यम से महाकुंभ और पौराणिक कथाओं का अनुभव कर सकेंगे। यह बातें बुधवार काे संस्थान के अध्यक्ष स्वामी आदित्य आनंद जी महाराज, सचिव स्वामी नरेंद्रानंद जी एवं विहिप के संरक्षक दिनेश चन्द्र ने कही।



उन्होंने बताया कि 33 दिनों में विभिन्न आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए पांडाल तैयार किया गया है। जिसमें सनातन परम्पराओं को आधुनिकता के साथ मंचित किया जाएगा। इस दाैरान हजारों भक्त व आध्यात्मिक साधक उपस्थित रहेंगे।

स्वामी आदित्यानंद ने बताया कि उनके कुम्भ शिविर में भारत और विदेशों से लगभग 15 से 20 लाख श्रद्धालु आने की उम्मीद है। 15 जनवरी से 16 फरवरी के दौरान, 150 से अधिक कार्यक्रमों जैसे कथाएं, युवा उत्सव कार्यशालाएं, वैदिक मंत्रोच्चारण, यज्ञादि कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। संस्थान के बीस हजार से अधिक स्वयंसेवकों और सन्यासियों की भागीदारी होगी। सभी आयोजन सनातन धर्म के सर्वोपरि विज्ञान ब्रह्म ज्ञान को श्रद्धालुओं के समक्ष उजागर करने का प्रयास करेंगे।

संस्थान की प्रवक्ता साध्वी तपेश्वरी भारती जी कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, लोकसभा सांसद एवं अभिनेता रवि किशन, सांसद अनुराग ठाकुर,अभिनेता सौरभ राज जैन, मशहूर गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी,निष्ठा शर्मा, संजीव सान्याल, साइको शायर अभिमुंडे, शांतनु गुप्ता, विहिप संरक्षक और महाकुम्भ मेला प्रशासन टीम साथ ही मनोरंजन और सोशल मीडिया की कई और हस्तियां भी शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास, महाकुम्भ में संस्थान के वेद मंत्र द्वारा एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड में अखंड रूद्री पाठ और सतत ध्यान का रिकॉर्ड बनाने एक असाधारण प्रयोग किया जाएगा। 504 से अधिक सुरक्षित ब्रह्मज्ञानी वेदपाठी, जो दिव्य गुरु आशुतोष महाराज जी के शिष्य हैं वह रूद्र पाठ करेंगे।