56वें पुलिस महानिदेशक सम्मेलन का गृहमंत्री अमित शाह ने किया उद्घाटन, आंतरिक सुरक्षा को लेकर हुई चर्चा
56वें पुलिस महानिदेशक सम्मेलन का गृहमंत्री अमित शाह ने किया उद्घाटन, आंतरिक सुरक्षा को लेकर हुई चर्चा
लखनऊ, 19 नवम्बर । गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार से शुरु हुए 56वें पुलिस महानिदेशक सम्मेलन का उदघाटन किया। इस वर्ष, पहली बार यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड में किया जा रहा है। सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक तथा सीएपीएफ के प्रमुख, लखनऊ पुलिस मुख्यालय से इस सम्मेलन में सम्मिलित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त, लगभग 350 अन्य अधिकारीगण, विभिन्न राज्यों में स्थित आईबी कार्यालयों से, वर्चुअल प्लैटफ़ार्म के जरिए इस सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं।
सम्मेलन का उदघाटन करते हुए गृह मंत्री ने कोविड महामारी के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा निभाई गई भूमिका और उनके त्याग की सराहना की। आसूचना ब्यूरो के अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस मेडल प्रदान किए, तथा देश के तीन सर्वश्रेष्ठ थानों, दिल्ली के सदर बाजार, ओडिशा के गंगापुर और हरियाणा के भटटू लकलां को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
गृहमंत्री ने राज्य पुलिस तथा केंद्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर ज़ोर देते हुए प्रतिनिधियों से कहा कि वे सम्मेलन में दिए गए सुझावों पर समयबद्ध तरीके से अमल करें। उन्होंने तटीय सुरक्षा, वामपंथी उग्रवाद, नारकोटिक्स, साइबर क्राइम तथा सीमा प्रबंधन जैसे सुरक्षा संबंधित विषयों पर ध्यान केंद्रित करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुसार, हाइब्रिड तरीके से सम्मेलन के आयोजन की सराहना की और कहा कि इससे निचले स्तर के अधिकारियों तक सूचनाओं का बेहतर प्रसार हो सकेगा।
उन्होंने प्रभावी पुलिस व्यवस्था के लिए पुलिस थानों और बीट स्तर के सुधारों पर ज़ोर दिया। सम्मेलन के दौरान आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें जेल सुधार, कट्टरवाद से मिल रही चुनौतियाँ तथा पुलिस प्रशिक्षण जैसे विषय शामिल थे। नेटग्रिड ने भी सम्मेलन में एक प्रजेंटेशन दिया। इस प्रजेंटेशन का मुख्य ध्येय, चुनौतियों को उजागर करना और उनसे निपटने के लिए भावी दिशानिर्देश तय करना था।
वर्ष 2014 से पुलिस महानिदेशक व महानिरीक्षक सम्मेलन, देश के विभिन्न भागों में आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री व गृहमंत्री दिल्ली से बाहर आयोजित सम्मेलनों में नियमित रूप से शामिल हो रहे हैं। समय के साथ, सम्मेलन के प्रारूप में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जैसे कि अवधि तथा इनके आयोजन का तरीका। सम्मेलन की तैयारी के दौरान, आंतरिक सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए, विभिन्न राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को शामिल कर, अनेक कोर ग्रुप गठित किए गए।
इस वर्ष पहली बार, सम्मेलन में चर्चा किए जाने वाले समसामयिक सुरक्षा मुद्दों पर राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 200 से अधिक विभिन्न वरिष्ठता के अधिकारियों से उनके विचार मांगे गए। अगले दो दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे।