प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियां उफान पर, सम्पर्क मार्ग कटा

प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियां उफान पर, सम्पर्क मार्ग कटा

प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियां उफान पर, सम्पर्क मार्ग कटा

प्रयागराज, 24 अगस्त । संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियां लगातार विकराल रूप लेती जा रही है। गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर बीते दो दिनों से लगातार बढ़ रहा है। बीते 4 घंटे की अगर बात करें तो गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 22 सेंटीमीटर और छतनाग में 16 सेंटीमीटर बढ़ा है। जबकि यमुना नदी का नैनी में जलस्तर 15 सेंटीमीटर बढ़ा है।

सिंचाई विभाग के बाद कंट्रोल रूम से गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। खतरे का निशान 84.73 मीटर पर है। बुधवार की सायं छह बजे तक गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 83.03 मीटर और छतनाग में 82.43 मीटर दर्ज किया गया है। जबकि यमुना नदी का नैनी में जलस्तर 83 मीटर दर्ज किया गया है। संगम क्षेत्र में गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर हैं। बाढ़ का पानी अब तक बदरा सुनौटी समेत कई गांवों में प्रवेश कर गया है। तो वहीं सलोरी, छोटा बघाड़ा और राजापुर मोहल्ले में सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। बाढ़ के चलते बड़ी संख्या में लोग भी विस्थापित होकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों के लिए 12 बाढ़ राहत शिविर खोले हैं। बाढ़ के चलते कई सड़कें डूब गई हैं। जिससे इन गांवों का शहर से सम्पर्क कट गया है।

जिला प्रशासन ने 20 नावें और 45 मोटर बोट लगाई है। इसके साथ ही एसडीआरएफ और जल पुलिस की भी तैनाती कर दी गई है। जिस तरह से गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है उसे देखते हुए ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अभी नदियों का जलस्तर और बढ़ेगा, क्योंकि मध्य प्रदेश में केन, बेतवा और चंबल नदियों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि गंगा नदी में टिहरी, नरौरा और कानपुर डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है।

प्रशासन ने सभी 98 बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है और सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से 24 घंटे नजर रखी जा रही है। हर 4 घंटे पर सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम द्वारा नदियों के बढ़ते जलस्तर को दर्ज किया जा रहा है। बाढ़ को देखते हुए स्वास्थ्य महकमे ने भी जगह जगह हेल्थ कैंप खोल दिए हैं। जिला प्रशासन बाढ़ की हर चुनौती से निपटने का दावा कर रहा है।