प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियां खतरे के निशान के पास पहुंची
दो से तीन मीटर जलस्तर और बढ़ने की सम्भावना : जिलाधिकारी
प्रयागराज, 25 अगस्त । संगमनगरी में गंगा और यमुना नदियां लगातार विकराल रूप लेती जा रही है। दोनों नदियों का जलस्तर बीते दो दिनों से लगातार बढ़ रहा है। सिंचाई विभाग के बाद कंट्रोल रूम से गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। खतरे का निशान 84.73 मीटर है।
गुरुवार की सायं छह बजे तक गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 84.03 मीटर और छतनाग में 83.40 मीटर एवं यमुना नदी का नैनी में जलस्तर 83.88 मीटर दर्ज किया गया है। संगम क्षेत्र में गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर हैं। बाढ़ का पानी अब तक बदरा सुनौटी, पनासा समेत कई गांवों में प्रवेश कर गया है। वहीं सलोरी, छोटा बघाड़ा और राजापुर मोहल्ले में सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। बाढ़ के चलते बड़ी संख्या में लोग भी विस्थापित होकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों के लिए 12 बाढ़ राहत शिविर खोले हैं।
जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने बताया कि चम्बल से 24 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसके कारण एक-दो दिन में पानी का जलस्तर दो से तीन मीटर और बढ़ने की सम्भावना है। उन्होंने बताया कि अभी तक 300 लोगों को बाढ़ राहत शिविर में रखा गया है। पूरी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि आज हमने राहत शिविरों का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने 20 नावें और 45 मोटर बोट लगाई है। इसके साथ ही एसडीआरएफ और जल पुलिस की भी तैनाती कर दी गई है। जिला प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है और सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से 24 घंटे नजर रखी जा रही है। हर 4 घंटे पर सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम द्वारा नदियों के बढ़ते जलस्तर को दर्ज किया जा रहा है। बाढ़ को देखते हुए स्वास्थ्य महकमे ने भी जगह-जगह हेल्थ कैंप खोल दिए हैं।