किम जोंग ने पहली बार हथियार और सेना की बजाय विकास पर दिया जोर
किम जोंग ने पहली बार हथियार और सेना की बजाय विकास पर दिया जोर
प्योंगयांग, 02 जनवरी । उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग उन ने अपने शासन के 10 साल पूरा होने के अवसर पर देश को संबोधित करते हुए हथियार और सेना से अधिक विकास पर जोर दिया है। अपने संबोधन में किम जोंग ने परमाणु बम और अमेरिका की तुलना में ट्रैक्टर के कारखानों और स्कूल ड्रेस का अधिक जिक्र किया।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया इस समय भुखमरी के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में किम जोंग अपनी जनता को इस मुश्किल वक्त से निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
कोरिया की वर्कर्स पार्टी (डब्ल्यूपीके) की 8वीं केंद्रीय समिति की चौथी पूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए किम जोंग उन ने कहा कि 2022 के लिए उत्तर कोरिया का मुख्य लक्ष्य आर्थिक विकास शुरू करना और लोगों के जीवन में सुधार करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि लोग जीवन और मौत के बीच संघर्ष का सामना कर रहे हैं। यह बैठक सोमवार को शुरू हुई थी। 2011 में अपने पिता की मृत्यु के बाद किम जोंग ने देश की बागडोर संभाली थी।
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया के अनुसार, इस बार किम जोंग उन का मुख्य फोकस घरेलू मुद्दों पर था। उत्तर कोरियाई जनता कोरोना महामारी के कारण भुखमरी का सामना कर रही है। उत्तर कोरिया ने जनवरी 2020 से ही अपनी सीमाओं को सील किया हुआ है। जिससे व्यापार ठप हो जाने के कारण उद्योग धंधे भी बंद हो गए हैं।
कोरोना को उत्तर कोरिया में प्रवेश करने से रोकने के लिए किम जोंग उन के आदेश पर जनवरी 2020 में ही देश की सीमा को सील कर दिया गया था। इस कारण किम जोंग उन के देश में भोजन, दवाओं, ईंधन और अन्य रोजमर्रा की जरूरतों की कमी हो गई है। किम जोंग को डर था कि अगर कोरोना वायरस उसके देश में प्रवेश कर गया तो देश की पुरानी और खराब रूप से सुसज्जित स्वास्थ्य प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी।