शुआट्स नैनी के 12 अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज
अवैध नियुक्तियों सहित सरकारी धन का दुरूपयोग, होगी कार्यवाही
प्रयागराज, 02 फरवरी । नैनी स्थित शुआट्स में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्तियॉ अवैध व नियम विरूद्ध तरीके से किये जाने के सम्बन्ध में दिवाकर नाथ त्रिपाठी की शिकायत पर हुई जांच में तथ्य सही पाया गया। जिसके आधार पर प्रभारी निरीक्षक थाना नैनी, कमिश्नरेट प्रयागराज में एसटीएफ प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक नवेन्दु कुमार ने गुरूवार को 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
इस मामले में एसटीएफ पुलिस उपाधीक्षक नवेन्दु कुमार ने धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत धारा 7 एवं 13(1)(बी) नैनी थाने में दर्ज करायी है। बताया गया है कि दिवाकर नाथ त्रिपाठी के शिकायत पर इसकी जांच कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग उप्र शासन के पत्र के क्रम में निदेशक स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग उप्र प्रयागराज द्वारा करने पर पाया गया कि कुलपति एवं उनके सहयोगीगण द्वारा वर्ष 1984 से 2017 के मध्य कुल 69 प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति निर्धारित भर्ती प्रक्रिया के विपरीत की गयी है। इन नियुक्तियों में निर्धारित अनिवार्य योग्यता का पालन न करने, पदों का विज्ञापन दो समाचार पत्रों में न करने, विज्ञापन की अवधि का निश्चित मापदंड निर्धारित न करने, साक्षात्कार हेतु बुलावा पत्र एवं चयन के उपरांत नियुक्ति पत्र प्रसारित न करने, बिना आवेदन पत्र के चयन को अंतिम रूप दिये जाने एवं गर्वनमेंट पे रोल पर रिक्त पदों को भरने के निमित्त सीधी भर्ती हेतु विज्ञापन न करने आदि के आधार पर की गयी सभी नियुक्तियां अनियमित व अविधिक है। इस प्रकार शुआट्स में कूटरचित अभिलेखों का उपयोग करते हुए भ्रष्ट आचरण करने के साथ-साथ ऐसी नियुक्तियों में राजकीय धन का आपराधिक दुर्विनियोग करके उनके वेतन व भत्तों का भुगतान किया गया है।
इस प्रकार निदेशक स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग उप्र द्वारा की गयी जांच से स्पष्ट है कि शुआट्स के कुलाधिपति जेए ऑलिवर एवं इनके सहयोगी कुलपति डॉ राजेन्द्र बिहारी लाल, रजिस्ट्रार अजय कुमार लारेन्स, प्रति कुलपति सुनील बी लाल, निदेशक एचआरएम विनोद बिहारी लाल, रजिस्ट्रार राबिन एल प्रसाद, वित्त निदेशक स्टीफन दास, डीन मो. इम्तियाज, डॉ सर्वजीत हर्बट, एचआरएम रंजन ए जन एवं कार्यालय अधीक्षक अशोक सिंह तथा अज्ञात प्रशासनिक अधिकारीगणों व अन्य सहयोगियों द्वारा षडयंत्र करते हुए अपात्र अभ्यर्थियों को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया के विपरीत कार्य किया गया है। एफआईआर के आधार पर विधिक कार्यवाही की जायेगी।