नर्स से दुष्कर्म के आरोपित डॉक्टर की जमानत नामंजूर

नर्स से दुष्कर्म के आरोपित डॉक्टर की जमानत नामंजूर

नर्स से दुष्कर्म के आरोपित डॉक्टर की जमानत नामंजूर

प्रयागराज, 28 फरवरी । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दलित नर्स के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित डॉक्टर को जमानत देने से इंकार करते हुए उसकी ज़मानत अर्जी खारिज़ कर दी है। जबकि इसी मामले में सह आरोपित नर्स मेहनाज और वार्ड बॉय जुनैद को जमानत दे दी। यह आदेश न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव ने आरोपितों की अपील पर दिया।

मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा थाने में पीड़िता ने आरोपितों पर दुष्कर्म, एससी-एसटी एक्ट व अन्य मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि 17 अगस्त 2024 की रात को मुख्य आरोपित डॉ शाहनवाज ने उसे अपने केबिन में बुलाया। उसके मना करने पर सह अभियुक्त जबरन उसे केबिन के अंदर ले गए और दरवाजा बंद कर दिया। डॉक्टर ने दुष्कर्म किया। मोबाइल फोन भी छीन लिया, ताकि वह मदद के लिए किसी को फोन न कर सके।

विशेष अदालत के जमानत अर्जी खारिज करने पर हाईकोर्ट में चुनौती दी। याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि उन्हें झूठा फंसाया गया। जांच रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज भी अभियोजन की कहानी की पुष्टि नहीं करते। शासकीय अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया। दलील दी कि सीसीटीवी फुटेज में कई आपत्तिजनक दृश्य हैं। पीड़िता ने संकोचवश देर मुकदमा दर्ज कराया था कि उसकी छवि खराब न हो।

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि जहां तक अपीलकर्ता डॉ शाहनवाज का सवाल है, वह मुख्य आरोपित है। हालांकि वह 19 अगस्त 2024 से जेल में है, लेकिन यह उसे जमानत पर रिहा करने का कोई अच्छा आधार नहीं है। मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए व अपराध की प्रकृति, साक्ष्य, आरोपी की मिलीभगत, सजा की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने सह अभियुक्त मेहनाज और फैजान की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।