इविवि : शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण समस्या के अभिनव समाधान पर चर्चा
इविवि : शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण समस्या के अभिनव समाधान पर चर्चा
प्रयागराज, 13 जनवरी । इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बायो टेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. एम.पी सिंह ने कहा कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। मनुष्य अपनी जरूरतों को पूरा करने, प्राकृतिक आपदा से बचने तथा जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिए कई इनोवेशन किये। जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि एवं मानव द्वारा प्रकृति का अत्यधिक दोहन हमें इस मोड़ पर ला खड़ा किया, यदि अभी नहीं संभले तो भयंकर दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बायो टेक्नोलॉजी विभाग में शुक्रवार को डिजाइन इनोवेशन सेंटर के अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय समस्या के अभिनव समाधान पर ब्रेन स्टोर्मिंग सत्र में व्यापक परिचर्चा हुई। प्रो. सिंह ने छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए उनसे शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय समस्या के अभिनव समाधान पर कार्ययोजना का सुझाव भी मांगा।
इविवि की पीआरओ डॉ जया कपूर ने बताया कि भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इलाहाबाद विश्वविद्यालय को 2017 में डिजाइन इनोवेशन सेंटर के अंतर्गत 1 करोड़ का अनुदान प्राप्त हुआ था। जिसमें 50 लाख रुपया नैनो बायो टेक्नोलॉजी सेंटर एवं 50 लाख रुपया रूरल इनोवेशन सेंटर को आवंटित किया गया। वर्तमान में डी.आई.सी के समन्वयक प्रो.एस.आई रिजवी हैं, नैनो बायोटेक्नोलॉजी सेंटर के समन्वयक डॉ अवध बिहारी यादव तथा रूरल इनोवेशन सेंटर के समन्वयक प्रो. एम.पी सिंह हैं।
डॉ. अवध बिहारी यादव ने कहा किस प्रकार आई.आई.टी के छात्रों ने लोकल लेवल पर समस्याओं के समाधान के लिए स्टार्टअप शुरू किया एवं अपार सफलता पाया। एमएससी की छात्रा शिवानी सिंह ने ओजोन क्षरण के रोकथाम हेतु वृक्षारोपण, पेट्रोल, डीजल के उपयोग में कमी लाना एवं अन्य उपाय सुझाये। अंकिता गौतम ने हर साल नए छात्राओं को विश्वविद्यालय में एडमिशन के बाद हॉस्टल एवं पीजी की समस्याओं के समाधान के लिए सॉफ्टवेर की बात की जो विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर हो। प्रिया शर्मा ने प्लास्टिक की समस्या एवं उसके समाधान के लिए कई तरीके सुझाये। अंत में प्रो. एम.पी. सिंह ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए परिचर्चा समाप्त किया।