डेंगू प्रकोप : हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी, सीएमओ, नगर आयुक्त को किया तलब
कोर्ट शासन के कदमों से असंतुष्ट, कहा हकीकत में कुछ नहीं हो रहा
प्रयागराज, 03 नवम्बर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज शहर में फैले डेंगू प्रकोप के नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों से असंतोष जाहिर किया है और कहा जमीनी हकीकत बताये गये कदमों से बिल्कुल विपरीत है। कोर्ट ने कहा की डेंगू रोकने के लिए कोई ठोस कार्यवाही नजर नहीं आ रही है।
जबकि नगर निगम के अधिवक्ता एस डी कौटिल्य ने कोर्ट को बताया कि शहर में नियमित रूप से फागिंग की जा रही है। परन्तु इसका कोई असर नहीं हो रहा है। लगता है डेंगू नहीं कुछ और बीमारी है जो फेफड़े, हृदय, लीवर, किडनी तक प्रभावित हो रहे हैं। कोर्ट ने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को सुनवाई के समय हाजिर होने का निर्देश दिया है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल एवं न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने दिया है। पिछली तारीख पर कोर्ट ने चकबंदी अधिकारी की तैनाती को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया था और कहा था कि चकबंदी अधिकारी अब डॉक्टरों का भी काम करेंगे। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके ओझा का कहना था कि शमशान घाट से रिपोर्ट मंगा ली जाए तो पता चल जाएगा कि बड़ी संख्या में लोगों की डेंगू से मौत हो रही है और इसका वास्तविक आंकड़ा मिल जायेगा। बार के अध्यक्ष ने कहा कि कोर्ट किसी को रसूलाबाद तथा दारागंज घाट पर भेज दें तो यह पता चल जाएगा कि कितने लोगों की शहर में कोरोना से मौतें हो रही हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा शासन इसे गम्भीरता से नहीं ले रहा। उठाये गये कदमों की अपेक्षा ग्राउंड रियलिटी अलग है। डाटा नहीं ग्राउंड रियलिटी देखें। याची अधिवक्ता ने कहा नगर निगम जाड़े का इंतजार कर रहा कि शायद जाड़े में खत्म हो जाय। फागिंग नहीं हो रही। निगम के अधिवक्ता ने कहा जनता का सहयोग नहीं मिल रहा है। कोर्ट ने कहा निगम की ड्यूटी है कि वह नगर साफ सुथरा रखें। टेस्टिंग नहीं प्रिवेंटिव उपाय चाहिए।
बार के अध्यक्ष ने कोर्ट को बताया की सात वकीलों की डेंगू से मौत हो चुकी है। 100 वकील बीमार हैं। उनके चेंबर के पास के इलाके में फागिंग नहीं की गई है, जहां जजों की कालोनी है। कोर्ट ने कहा कि वह उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं। शुक्रवार को सम्बंधित अधिकारी हाजिर रहे। सुनवाई 4 नवम्बर को होगी।