सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान एक बार फिर बने मंत्री

सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान एक बार फिर बने मंत्री

सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान एक बार फिर बने मंत्री

मऊ, 05 मार्च । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में जिन चार चेहरों को स्थान मिला है, उनमें जिले के ताकतवर नेता दारा सिंह चौहान भी हैं। योगी सरकार-01 में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान 2022 में समाजवादी पार्टी में चले गए। 2022 के विधान सभा चुनाव में सपा के टिकट पर विधायक बने लेकिन कुछ समय बाद ही विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में फिर शामिल हो गए। भाजपा के टिकट पर उसी सीट से चुनाव लड़े और हार गए। भाजपा ने उन्हें एमएलसी बनाया और अब सरकार में मंत्री के रूप में मंगलवार को शपथ लिए हैं।

राजनीति की शुरुआत में सपा ने बनाया था राज्यसभा सांसद





पूर्वांचल के दिग्गज नेताओं में दारा सिंह चौहान का नाम शामिल है। राजनीतिक गलियारों में उन्हें मौसम वैज्ञानिक कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि सरकार जिसकी रहती है, दारा उसके हो लेते हैं। यही वजह है कि दारा सिंह चौहान हमेशा सत्ताधारी दल के साथ दिखाई दिए हैं।

25 जुलाई 1963 को आजमगढ़ के छोटे से गांव गलवारा में रामकिशन चौहान के घर जन्में दारा सिंह चौहान छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़ गए। छात्र नेता के रूप में उन्होंने DAV पीजी कॉलेज आजमगढ़ से शुरुआत की तो कांग्रेस से प्रभावित होकर वह कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता बन गए। हालांकि धीरे-धीरे दारा सिंह चौहान राजनीति के दांव पेंच सीखते गए और 1996 में सपा में शामिल हो गए। सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा और दारा सिंह चौहान सपा से 1996 से 2006 तक दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे। उसी समय प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी और दारा सिंह चौहान अब सत्ता के प्रभाव को अच्छी तरह से जान चुके थे।



सरकार बदलते ही दारा सिंह चौहान ने मारी थी पलटी



2007 में हुए विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला और प्रदेश में मायावती की सरकार बनी। दारा सिंह चौहान ने सपा छोड़ बसपा का दामन थाम लिया। 2009 के लोकसभा चुनाव में इस बार बसपा ने उन्हें मऊ जिले के घोसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा। दारा सपा के चंद्रदेव राजभर को बड़े अंतर से हराकर सांसद बन गए।



2014 की मोदी लहर में भाजपा में हुए शामिल

2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते भाजपा ने केन्द्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। तो दारा सिंह चौहान 2015 में भाजपा में शामिल हो गए। उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर मधुबन विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। योगी आदित्यनाथ में दारा सिंह चौहान वन पर्यावरण और प्राणी उद्यान मंत्री बने।



चुनाव से पहले 2022 में भाजपा पर आरोप लगाकर छोड़ा मंत्री पद



2022 के विधानसभा चुनाव में मौसम वैज्ञानिक कहे जाने वाले दारा सिंह चौहान को यह आभास हो चला था कि इस बार उनका टिकट भाजपा से कट सकता है। उनको यह भी लगा कि प्रदेश में सपा सरकार बन सकती है। चुनाव से पहले ही 12 जनवरी 2022 को दारा सिंह चौहान ने भाजपा पर ओबीसी वर्ग की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मंत्री पद से इस्तीफा देकर सपा में शामिल हो गए।



कमल छोड़ साइकिल पर चढ़े तो दांव पड़ गया उलटा



2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने दारा सिंह चौहान को उनके मन माफिक सीट घोसी से मैदान में उतरा जहां उन्होंने भाजपा के तत्कालीन विधायक विजय राजभर को बड़े अंतर से हराकर सपा से जीत हासिल की थी। सपा विधायक बने लेकिन प्रदेश में सपा की सरकार नहीं बन सकी। भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाई। भाजपा सरकार बनते ही 1 साल के भीतर ही दारा सिंह चौहान ने 15 जुलाई 2023 को अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और सपा भी छोड़ दी। इसके बाद दारा सिंह चौहान लगातार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में रहने लगे।



उपचुनाव हारने वाले दारा को भाजपा ने पहले एमएलसी और अब बनाया मंत्री





इस्तीफा के बाद खाली हुई घोसी विधानसभा सीट पर सितंबर 2023 में उपचुनाव हुए तो दारा सिंह चौहान ने भाजपा का टिकट लेकर मैदान में उतरे। इस बार उनका दांव उलटा पड़ गया। सपा के सुधाकर सिंह ने दारा सिंह चौहान को 42759 वोटों के भारी अंतर से मात दे दी। हार के बाद भी दारा सिंह चौहान लगातार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में बने रहे और भाजपा ने उन्हें एमएलसी बना दिया। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा की नजर पूर्वांचल के ओबीसी वोटों पर है। इसके लिए भाजपा ने दारा सिंह चौहान को एक बार फिर योगी मंत्रिमंडल में मंत्री पद देकर पूर्वांचल के ओबीसी वोटों को साधने की कोशिश की है।