डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर रक्षा उत्पादन में देश को बनाएगा आत्मनिर्भर : योगी

मुख्यमंत्री ने सीआईआई-इण्डिजेनाइजेशन समिट ऑन डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस को किया सम्बोधित

डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर रक्षा उत्पादन में देश को बनाएगा आत्मनिर्भर : योगी

लखनऊ, 28 जुलाई । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘मेक इन इण्डिया’ संकल्पना को साकार करने में उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह काॅरिडोर रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा।



योगी ने कहा कि उप्र डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर एक ग्रीन-फील्ड परियोजना है। यह परियोजना डिफेंस तथा एयरोस्पेस उद्योग के लिए ही नहीं, अपितु परियोजना क्षेत्र में स्थापित, रक्षा क्षेत्र से सम्बन्ध न रखने वाली एमएसएमई इकाइयों तथा स्टार्टअप के लिए भी लाभकारी होगी।



मुख्यमंत्री योगी आज सीआईआई-इण्डिजेनाइजेशन समिट ऑन डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस-2021 (सीआईआई-आईएसडीए-2021) को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्वास जताया कि इस समिट के माध्यम से ऐसे उपयोगी सुझाव प्राप्त होंगे, जो प्रधानमंत्री की भावना के अनुरूप रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उपयोगी सिद्ध होंगे। ‘इण्डिया मार्चिंग टुवड्र्स सेल्फ-रिलायन्स इन डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस’ थीम पर आधारित इस समिट का आयोजन सीआईआई, यूपीडा तथा सोसाइटी ऑफ इण्डियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) द्वारा संयुक्त रूप से 28 से 31 जुलाई तक किया गया है।



उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 के केन्द्रीय बजट में देश में 02 डिफेंस काॅरिडोर स्थापित किये जाने की घोषणा की गयी थी। फरवरी, 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा लखनऊ में ‘उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट’ का शुभारम्भ किया गया था। इस अवसर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश में डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की स्थापना की घोषणा की थी। इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त 4.68 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों में से 03 लाख करोड़ रुपए के एमओयू क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।



डिफेंस काॅरिडोर में निवेश प्रोत्साहित करने को लागू की गई नई नीति



मुख्यमंत्री ने कहा कि डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर में निवेश प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018’ लागू की। इस नीति को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए माह दिसम्बर, 2019 में कई महत्वपूर्ण संशोधन किये गये। डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर में निवेश के प्रोत्साहन के लिए नीतियों के अन्तर्गत प्रदान की जा रही अनेक प्रकार की छूट एवं सब्सिडी से, उत्तर प्रदेश सरकार देश में मार्गदर्शक की भूमिका निभा रही है।



उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के तहत आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, कानपुर तथा लखनऊ में 06 नोड चिन्हित किये गये हैं। इन सभी नोड्स में लगभग 1500 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है। इस परियोजना के प्रति निवेशकों एवं उद्यमियों के उत्साह को देखते हुए निर्देश दिये गये हैं कि जहां पर भूमि की मांग अधिक है, वहां भूमि क्रय की जाए। अलीगढ़ नोड में सड़क, बिजली एवं पानी की सुविधा विकसित करने की प्रक्रिया गतिमान है। अलीगढ़ नोड में लगभग 74 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गयी है, जिसका लगभग पूर्ण रूप से आवंटन 19 इकाइयों में हो चुका है। इनके माध्यम से कुल 1500 करोड़ रुपये का निवेश सम्भावित है। अलीगढ़ नोड का शिलान्यास अगस्त में प्रस्तावित है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी, 2020 में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का 11वां संस्करण आयोजित किया गया था। इसके माध्यम से डिफेंस इण्डस्ट्री से जुड़े पूरी दुनिया के प्रतिष्ठित उद्यमियों, कम्पनियों एवं निवेशकों को राज्य के डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की विस्तृत जानकारी मिली।



उन्होंने कहा कि डिफेंस एक्सपो के आयोजन से रक्षा उद्योग व एयरोस्पेस सेक्टर में उत्तर प्रदेश में भारी निवेश को बल मिला। उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के तहत अभी तक 41 अनुबन्ध किये गये हैं। इनमें से 23 निवेशक कम्पनियों के साथ 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू डिफेंस एक्सपो-2020 के दौरान हस्ताक्षरित हुए।



मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार के उपक्रम ओएफबी, एचएएल तथा बीईएल द्वारा आने वाले 05 वर्षों में 2,317 करोड़ रुपये के निवेश की उद्घोषणा की गयी है। ओएफबी तथा एचएएल द्वारा लगभग 820 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है। इसके अलावा, निजी कम्पनियों का निवेश भी प्राविधानित है।



डिफेंस काॅरिडोर में स्थापित होंगी प्रयोगशालाएं



योगी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार ने डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम के अन्तर्गत डिफेंस काॅरिडोर में प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है। इससे उद्योग जगत, एमएसएमई इकाइयों तथा स्टार्ट-अप को टेक्नोलाॅजी परीक्षण, प्रोटोटाइपिंग, डिजाइन और डेवलपमेण्ट में सुविधा होगी। काॅमन फैसिलिटी सेण्टर की स्थापना के लिए देश की अग्रणी संस्थाओं से वार्ता की प्रक्रिया अन्तिम चरण में है। इन प्रतिष्ठानों में टाटा टेक्नोलाॅजी, सीमेन्स और दासाॅल्ट सिस्टम शामिल हैं।



काॅरिडोर से भारतीय नौसेना का जुड़ाव गौरवपूर्ण



प्रदेश के डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर से भारतीय नौसेना के जुड़ाव को गौरवपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष भारतीय नौसेना तथा डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की कार्यदायी संस्था यूपीडा के मध्य एक एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। राज्य सरकार ने आईआईटी, बीएचयू तथा आईआईटी, कानपुर में ‘सेण्टर ऑफ एक्सिलेंस’ स्थापित किये हैं, जो भारतीय नौसेना के साथ मिलकर कार्य करेंगे। यह ‘सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस’ इण्डस्ट्रीज और एकेडमियों के बीच समन्वय करते हुए उद्यमियों एवं निवेशकों की जरूरतों के अनुरूप तकनीकी समाधान उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश सरकार द्वारा इन संस्थाओं को अनुसंधान एवं विकास के लिए अग्रिम ग्राण्ट की प्रथम किश्त दी जा चुकी है। द्वितीय किश्त हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है। प्रधानमंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अपने विजन में नवाचार और स्वदेशीकरण पर बल दिया है। इसके दृष्टिगत यह ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।



समिट को अपर मुख्य सचिव गृह एवं यूपीडा के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी, एसआईडीएम के प्रेसिडेंट जयन्त पाटिल, एसआईडीएम यूपी चैप्टर के चेयरमैन सचिन अग्रवाल, सीआईआई नाॅर्दर्न रीजन कमेटी ऑन डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस के चेयरमैन मनोज गुप्ता एवं को-चेयरमैन अमिता सेठी ने भी सम्बोधित किया।



इस अवसर पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, विशेष सचिव मुख्यमंत्री अमित सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।