प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्त करने के आदेश पर रोक

प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्त करने के आदेश पर रोक

प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्त करने के आदेश पर रोक

प्रयागराज, 05 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने के शासन के आदेश पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है।



सेवा समाप्त करने के शासनादेश 9 नवम्बर 2023 को कई याचिकाएं दाखिल कर तदर्थ शिक्षकों ने चुनौती दी है। शिक्षकों के पक्ष में अंतरिम आदेश पारित करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया है की यह आदेश केवल उन्हीं तदर्थ टीचरों पर लागू होगा जिनकी नियुक्तियां सेकंड रिमूवल आफ डिफिकल्टी ऑर्डर एवं धारा 18 तथा यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग रूल्स 1995 के नियम 15 के अंतर्गत की गई हो।

यह आदेश जस्टिस अजीत कुमार ने विनोद कुमार श्रीवास्तव व कई अन्य दाखिल याचिकाओं पर पारित किया है। कोर्ट ने अपने पारित अंतरिम आदेश में यह भी कहा है कि अंतरिम आदेश का लाभ उन्हीं तदर्थ टीचरों को मिलेगा जो टीचर धारा 33 बी, सी, जी के तहत विनीयमितीकरण के हकदार होंगे। कोर्ट इन याचिकाओं पर अब आगे 14 मार्च 2024 को पुनः सुनवाई करेगी।

प्रदेश के विभिन्न माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों ने अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर प्रदेश सरकार द्वारा 9 नवम्बर 2023 को जारी शासनादेश को विभिन्न आधारों पर चुनौती दी है। सरकार ने इस शासनादेश के द्वारा प्रदेश में कार्यरत तदर्थ अध्यापकों को जो धारा 33जी के तहत विनीयमितीकरण के हकदार नहीं है, उनकी सेवाएं समाप्त करने का निर्देश दिया है।