संगम की रेती पर कल्पवास करते भागवत कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति
संगम की रेती पर कल्पवास करते भागवत कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति
प्रयागराज, 17 जनवरी । माघ मास में तीर्थराज प्रयाग अर्थात् संगम की रेती पर कल्पवास करते हुए श्रीमद्भागवद् की कथा सुनने से साक्षात् मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसका इतना अधिक पुण्य है कि उसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। इसका लाभ हमारे पितरों और आने वाली पीढ़ियों को भी मिलता है।
यह विचार माघ मेला के महावीर मार्ग के आगे खाक चौक में महामंडलेश्वर रामतीर्थ दास महाराज के शिविर में अयोध्या धाम के आचार्य गणेश दास महराज ने श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन व्यक्त किया। उन्होंने श्रीमद्भागवत के महत्व, रचना कैसे हुई, धुंधकारी की कथा सहित अन्य प्रसंगों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के प्रत्येक मानने वालों को चाहिए कि वह अपने जीवन में कम से कम एक बार तीर्थराज प्रयाग में माघ मास में कल्पवास करते हुए श्रीमद्भागवद कथा जरूर सुने। महामंडलेश्वर रामतीर्थ दास महराज ने बताया कि शिविर में प्रतिदिन भागवत कथा दोपहर दो बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी।
वहीं, माघ मेला के रामानंद मार्ग-अ कोल्हूनाथ खालसा में मानस मधुकर कौशल किशोर मिश्रा महाराज की श्रीमद्भागवत ज्ञान कथा आज से शुरू हो गयी है। उन्होंने कथा के पहले दिन तीर्थराज प्रयाग, माघ मास और भागवद् कथा पर विस्तार से बातें रखी। महामंडलेश्वर रामकृष्ण दास महाराज कोल्हू नाथ खालसा शेर कुटी आजमगढ़ ने बताया कि कौशल किशोर महाराज की श्रीमद्भागवत कथा दोपहर डेढ़ बजे से शुरू होकर शाम पांच बजे तक चलेगी। कथा की पूर्णाहुति 30 जनवरी को होगी। उन्होंने बताया कि शिविर में हवन, पूजन और विशाल अन्नक्षेत्र पौष पूर्णिमा से शुरू हो गया है, जो माघी पूर्णिमा तक चलता रहेगा। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में शिष्य आ रहे हैं। यह लोग मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा स्नान के बाद अपने घरों के लिए प्रस्थान करेंगे।