जहां दिनदहाड़े गोलियां चलतीं थीं, आज यूपी विकास में सबसे आगे: अमित शाह
लखनऊ में इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेसिंक साइंसेज का गृह मंत्री ने किया शिलान्यास
लखनऊ, 01 अगस्त। कोरोना काल के कारण बहुत लम्बे समय बाद मैं यूपी आया नहीं हूं। छह साल तक भाजपा के संगठन के लिए मैंने यहां का बहुत दौरा किया। पहले का उत्तर प्रदेश ठीक से याद है। पहले पश्चिम में भय के कारण लोग क्षेत्र छोड़कर जा रहे थे या भू-माफिया अवैध रूप से जमीन कब्जे में लेते रहे, या फिर दिनदहाड़े गोलियां चलती थीं। आज प्रदेश दूसरे अन्य प्रदेशों से विकास में बहुत आगे है। ये बातें केन्द्रीय गृह तथा सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कही। वे लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीयूट ऑफ फोरेसिंक साइंसेज के शिलान्यास के अवसर पर बोल रहे थे।
गृह मंत्री ने उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया। गृहमंत्री ने वहां पीपल का पौधरोपण भी किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। योगी ने गृहमंत्री को अंगवस्त्रम व भगवान श्रीराम का चित्र देकर उन्हें सम्मानित किया।
इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 2017 में भयमुक्त प्रदेश बनाने का हमने वादा किया था। आज जब मैं खड़ा हूं, तब यह प्रदेश सभी प्रदेशों से आगे है। भाजपा की सरकारें परिवार के आधार पर नहीं चलतीं, यह देश के सबसे गरीब के लिए और कानून व्यवस्था ठीक करने के लिए चलती है। आज यह कह सकता हूं कि 44 योजनाओं में यूपी सबसे आगे यानी नम्बर-वन है।
उन्होंने कहा कि यहां चुनाव के समय बयान देने वाले नेताओं की फौज बढ़ जाती है। जब किसानों को परेशानी होती है तो ये नहीं दिखते। यहां जब कानून व्यवस्था खराब थी, तब ये नहीं दिखे। जब चुनाव आया तो इनका बयान शुरू हो जाता है। यहां फिर प्रचंड बहुमत से बीजेपी की ही सरकार बनेगी, सपना देखने वाले पस्त होंगे।सीएम योगी ने उप्र को बदला है।
अमित शाह ने कहा कि बिना किसी रिश्वत के गरीबों को लाभ मिले, इसके लिए योजना बनाना बहुत कठिन है। खासकर, जब विरासत के रूप में भ्रष्टाचार मिला हो। ऐसे में योगी सरकार ने यह काम करके दिखाया है। यहां की हर योजना का लाभ गरीबों को मिल रहा है।
गृहमंत्री ने मुख्यमत्री योगी की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश ने हर क्षेत्र में विकास किया है। चाहे योजनाओं के क्रियान्वयन की बात हो या कानून व्यवस्था की बात हो या गरीब को घर देने की बात हो, चाहे भ्रष्टाचार मुक्त करने की बात हो, हर क्षेत्र में योगी की सरकार ने सर्वोत्तम काम किया है। यही कारण है कि आज देश में दूसरे नम्बर की व्यवस्था बनी है। शाह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 22 करोड़ की आबादी में परम्परा से मिली लचर व्यवस्थाओं को सरकार ने सुधारा है। टेस्टिंग व सुरक्षा देने में आगे हैं। योगी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार, जिस तरह जनहित के काम में यूपी आगे है, इसी के लिए जनता ने तीन सौ से ज्यादा सीटें दी थीं। हमने वादा किया था कि यह शासन परिवार के लिए नहीं होगा, मालधनी के लिए नहीं होगा। यह शासन गरीबों के लिए होगा।
अमित शाह ने भारत माता की जय से अपने भाषण की शुरूआत की। एक बार बोलने पर जब लोगों की आवाज धीमी आयी तो उन्होंने कहा कि यूपी में जिनको सरकार बनाने के सपने आ रहे हैं, उन तक भारत माता की जय की आवाज जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज बहुत समय बाद यहां आकर बहुत उत्साह की भावना है। आज लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि भी है। आजादी के आंदोलन में यह देश भुला नहीं सकता। तिलक महाराज ने कहा था, आजादी मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है। उनके उद्घोष ने अंग्रेजी सरकार की नींव हिला कर रख दी। लाल-बाल-पाल ने जो आंदोलन खड़ा किया, उससे देश आजाद हुआ। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाली पीढ़ी उनके आदर्शों पर चलेगी।
गृहमंत्री ने कहा कि उप्र इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेसिंक साइंस के लिए दो सौ करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। इस क्षेत्र में इसे देश का सबसे आधुनिक संस्थान बनाया जाएगा। डेढ़ सौ छात्र हर साल यहां से निकलेंगे। यहां प्रेक्टिकल, सिविल साइंस आदि भी पूरे उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने का काम करेगा। यह पुलिस के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
गृहमंत्री अमित शाह एक दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरे पर आज लखनऊ पहुंचे। उनका मिर्जापुर और वाराणसी जाने का भी कार्यक्रम है। लखनऊ में फोरेसिंक साइंसेज इंस्टीट्यूट के शिलान्यास के बाद वे पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को देखने अस्पताल भी जाने वाले थे।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज में बी.एससी., एम.एससी. फॉरेंसिक साइंस विद स्पेशलाइजेशन, एम.फिल, पीएच.डी., पोस्ट डॉक्टरल रिसर्च तथा पी.जी. डिप्लोमा इन फॉरेंसिक साइंस, एडवांस स्पेशलाइजेशन एण्ड टेलर मेड पी.जी. डिप्लोमा एवं विभिन्न सर्टिफिकेट कोर्स का संचालन प्रस्तावित है। संस्थान में 500 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करेंगे। यह संस्थान 50 एकड़ भूमि में स्थापित किया जाएगा।
इसकी स्थापना के लिए 207 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।