भूमि अधिग्रहण मामले में किसानों की अर्जियों का समय से निपटारा न होने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट नाराज
राजस्व सचिव से मांगा हलफनामा, कहा- संतुष्ट न होने पर शुरू करेंगे अवमानना की कार्यवाही
प्रयागराज, 23 अप्रैल । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण के मामले में बढ़े मुआवजे की मांग को लेकर विभिन्न जिलों के किसानों की ओर से दाखिल अर्जियों का समय से निपटारा न कर पाने पर नाराजगी जताई है। हाई कोर्ट ने राजस्व सचिव से आगामी 10 मई से पहले हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि यदि उनका हलफनामा संतोषजनक नहीं पाया गया तो उनके खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ बुलंदशहर के राजवीर सिंह और अन्य किसानों की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में इन किसानों का कहना है कि दशकों पहले एक ही अधिसूचना से अधिग्रहित उनकी जमीन का बढ़ा हुआ मुआवजा पाने के लिए उन लोगों ने विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के समक्ष धारा 28ए की अर्जी दी थी, परंतु आज तक उसका निस्तारण नहीं किया गया। राज्य सरकार की तरफ से अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने कोर्ट को बताया कि 28ए की अर्जी तभी दाखिल की जा सकती है जब एक ही अधिसूचना से किसानों की भूमि प्रभावित हो। याचीगण के मामले में उनकी अधिसूचना की तिथि एवं धारा 28ए की अर्जी में लिखित अधिसूचना की तिथियों में अंतर है। कोर्ट ने कहा कि अधिकारी को गुण दोष के आधार पर दाखिल और अर्जियों का निस्तारण करना चाहिए, न कि उसे लटकाए रखा जाय।
हाई कोर्ट ने कहा कि विगत एक नवंबर 2021 को भी इसी कोर्ट ने सचिव राजस्व को निर्देश दिया था कि वह पूरे प्रदेश के जिलों में धारा 28ए के अंतर्गत दाखिल हर जिले की अर्जियों का 4 माह में निस्तारण कराएं। उस आदेश में यह भी कहा गया था कि ऐसा न कर सकने पर राजस्व सचिव इसके लिए जिम्मेदार होंगे। हाई कोर्ट ने कहा कि आदेश पारित हुए 4 माह से अधिक हो गए इसके बावजूद कोर्ट में याचिकाएं आ रही हैं और उसमें आरोप लगाया जा रहा है कि किसानों की धारा 28ए के अंतर्गत दाखिल प्रार्थना पत्रों का निस्तारण नहीं हुआ है। कोर्ट ने इस मामले में 10 मई की तारीख नियत की है तथा सचिव राजस्व से उनका हलफनामा मांगा है।
भूमि अधिग्रहण कानून 1894 में धारा 28ए के तहत किसान अर्जी तब देता है जब एक ही अधिसूचना से बहुत सारी जमीनों का अधिग्रहण किया गया हो और कोर्ट ने उस अधिसूचना से सम्बंधित अन्य भूमि का मुआवजा बढ़ाकर देने का निर्देश दिया हो। कोर्ट के इस आदेश के बाद अन्य किसानों के लिए यह प्रावधान बना है कि वह भी धारा 28ए भूमि अधिग्रहण कानून के अंतर्गत स्पेशल लैंड एक्विजिशन अधिकारी को अर्जी देकर अपनी भूमिका का भी बढ़ा हुआ मुआवजा प्राप्त करे।