कोरोना के नाम पर ठगी करने में इस्तेमाल हुए 1200 मोबाइल ब्लॉक

625 मामले दर्ज, 327 साइबर आरोपित गिरफ्तार

कोरोना के नाम पर ठगी करने में इस्तेमाल हुए 1200 मोबाइल ब्लॉक
नई दिल्ली। कोरोना महामारी में ऑक्सीजन, इंजेक्शन, दवाइयों और अस्पताल में बिस्तर दिलाने के नाम पर ठगी में जुटे साइबर बदमाशों द्वारा इस्तेमाल किए गए करीब 1,200 मोबाइल नंबर को दिल्ली पुलिस ने ब्लॉक कराया है। जबकि करीब 250 नंबरो  को ट्रू-कॉलर की मदद से कोविड स्कैन के नाम से टैग करवाया है। 
 
साइबर ठग इन नंबरों के जरिये जरूरतमंदों को आईसीयू, ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर और अस्पताल में भर्ती कराने के नाम पर ठगी कर रहे थे। 
 
दिल्ली पुलिस की 30 अलग-अलग टीमों की तरफ से साइबर जालसाजी के मामलों की जांच  के दौरान अबतक करीब 625 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसके तहत 327 साइबर आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया है। इनका नेटवर्क पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर तक फैले हैं। जालसाजों के खिलाफ जांच में जुटी साइबर सेल तकनीकी जांच के आधार पर इन नंबरों को चिन्हित करती है। फिर इन्हें सर्विस प्रोवाइडर के जरिये बंद करवाती है।  
 
264 अकाउंट और 125 डिवाइस सीज
वहीं मामले की जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने करीब 264 उन अकाउंट को सीज भी किया है, जिनमें ठगी की रकम मंगाई जाती थी। इसके अलावा जालसाजी रकम लेने के लिए इस्तेमाल की गईं 125 डिवाइस को भी पुलिस ने सीज किया है। 
 
जांच-पड़ताल व धर-पकड़ की कार्रवाई के दौरान पुलिस ने अबतक 641 मामले दर्ज किये हैं, जिसके तहत 327 साइबर आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। 
 
कालाबाजारी में लिप्त जिस भी शख्स के बारे में जानकारी मिलती है या जिस नंबर और अकाउंट के जरिये ठगी करने की सूचना मिलती है, उसके खिलाफ तो कार्रवाई की ही जा रही है। साथ ही फ्रॉड अकाउंट, फ्रॉड पेमेंट गेटवे और फ्रॉड यूआरएल को भी नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन को भेज उस पैसे को बैंकिंग सिस्टम से बाहर जाने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। 
 
वहीं पुलिस संदिग्ध फोन नंबरों और बैंक अकाउंट की पहचान करने में जुटी है। ऑनलाइन फ्रॉड के मेल, एसएमएस, व्हाट्सऐप और कॉल पर नजर रखने के लिए भी कई विशेष टीम बनाई गई है। 
 
क्या कहना है प्रवक्ता का
उक्त घटना के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय विश्वाल ने कहा कि साइबर अपराध को लेकर हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है।
हमारी टीम ऑनलाइन ठगी के ठग के मेल, एसएमएस, व्हाट्सऐप व कॉल्स के जरिये दूसरे प्रदेशों से दिल्ली वालों को चूना लगाने वालों पर भी अपनी नजर रखे हुए है और लगातार धर-पकड़ की कार्रवाई भी कर रही है।