उत्तर प्रदेश में परिवार कार्ड बनाने पर विचार कर रही है योगी सरकार
एक परिवार को कम से कम एक रोजगार देने की दिशा में होगा उपयोगी
लखनऊ, 21 मई । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेशभर के लोगों के सामाजिक और आर्थिक स्थिति के सटीक आंकलन के लिए परिवार कार्ड बनाने पर विचार कर रही है। इसके लिए उच्च स्तर पर एक विशेषज्ञ ग्रुप बना कर योजना बनेगी।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि प्रस्तावित परिवार कार्ड को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक परिवार को कम से कम एक रोजगार की दिशा में यह कार्ड बड़ा कदम साबित होगा। फिलहाल राशन कार्ड के आधार पर परिवार की सूचनाएं उपलब्ध हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि भाजपा ने चुनाव के दौरान अपने संकल्प पत्र में अगले पांच वर्षों में एक परिवार को कम से कम एक रोजगार देने का संकल्प लिया था। इसके लिए योगी सरकार लगातार प्रयत्नशील है। सरकार विभिन्न योजनाओं और रिक्त पदों पर भर्ती करके इसे पूरा करने में जुटी हुई है। इसके लिए सरकार को प्रदेश में सभी परिवारों की सामाजिक और रोजगार संबंधी स्थिति की जानकारी आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि योगी सरकार इस दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार सभी परिवारों का कार्ड बनाने पर विचार विमर्श चल रहा है। इस कार्ड में परिवार के बारे में सभी जानकारियां दर्ज होंगी। परिवार में कितने सदस्य हैं, उनकी उम्र क्या है, कौन-कौन नौकरी करता है या रोजगार से जुड़ा हुआ है, यह सभी जानकारियां दर्ज होंगी।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार परिवार कार्ड को आधार से लिंक किया जाएगा। इस आधार पर सरकार के पास सटीक जानकारी होगी कि किन परिवारों में एक भी व्यक्ति रोजगार से नहीं जुड़ा हुआ है। परिवार की सामाजिक स्थिति क्या है। इस आधार पर सरकार अपनी विभिन्न रोजगार योजना से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराएगी। यह इस दिशा में योगी सरकार का बड़ा कदम साबित होगा। जब तक लोगों का परिवार कार्ड नहीं बन जाता है तब तक राशन कार्ड को ही आधार माना जाएगा।