अपहरण-लूट में वांछित आरोपित गिरफ्तार

अपहरण-लूट में वांछित आरोपित गिरफ्तार

अपहरण-लूट में वांछित आरोपित गिरफ्तार

नई दिल्ली, 12 नवंबर। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अपहरण और लूट के मामले में दो साल से फरार चल रहे बदमाश को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान राकेश के रूप में हुई है। कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था। वहीं, पुलिस की तरफ से उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। इस मामले में दो अन्य आरोपित अभी भी फरार चल रहे हैं।

अपराध शाखा के डीसीपी मनोज. सी ने शुक्रवार को बताया कि 26 मई 2019 को एक युवक अपनी पत्नी के साथ आनंद विहार बस अड्डे पर मौजूद था। वह सराय काले खां जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। उसी दौरान उनके पास दो लोग आए, जिनमें से एक ने खुद को फौजी बताया। उसी दौरान वहां पर एक कार पहुंची। दंपती को युवकों ने गाड़ी में जबरन बिठा दिया।

रास्ते में उनसे नगदी और गहने लूट लिए और उन्हें मयूर विहार इलाके में छोड़कर बदमाश फरार हो गए। उसी दौरान पीसीआर वैन गश्त कर रही थी। पीड़ितों की चिल्लाने की आवाज सुनकर उनमें से एक बदमाश रोहित शर्मा को पकड़ने में पुलिस कामयाब रही, जबकि अन्य आरोपित फरार हो गए थे।

इस वारदात को लेकर मयूर विहार थाने में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में रोहित के अलावा अतुल को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं तीन अन्य आरोपित राकेश, देवेंद्र प्रताप उर्फ महेंद्र फौजी और मनोज कुमार फरार चल रहे थे। इन्हें कोर्ट द्वारा मार्च 2020 में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। पुलिस कमिश्नर की तरफ से इन पर 50-50 हजार रुपये का इनाम रखा गया था।

इस मामले में अपराध शाखा के एसीपी अरविंद कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर अरुण सिंधु टीम काम कर रही थी। पुलिस को पता चला कि राकेश कालीबाड़ी मंदिर के पास आने वाला है, इस सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोपित राकेश कुमार आगरा का रहने वाला है। वह 2001 में पहली बार दिल्ली आया था। वह पहले न्यू अशोक नगर में मिठाई की दुकान में काम करता था। वहां उसकी मुलाकात बबली से हुई, जो सेंधमारी करता था। वह उसके गैंग में शामिल हो गया। वर्ष 2014 में उसे पहली बार अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था। जेल से आने के बाद वह रोहित से मिला और एक बार फिर नया गैंग बनाकर वह लूटपाट करने लगे। उसकी गिरफ्तारी की जानकारी मयूर विहार पुलिस को दे दी गई है।