आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में नया अध्याय लिखेगा उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ से मिला आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा, प्रदेश में पांच नए आध्यात्मिक कॉरिडोर विकसित

आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में नया अध्याय लिखेगा उत्तर प्रदेश

प्रयागराज, 28 फरवरी । महाकुम्भ ने उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन की नई सम्भावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। इस महा आयोजन के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच प्रमुख आध्यात्मिक कॉरिडोर विकसित किए हैं। इन कॉरिडोर के माध्यम से श्रद्धालु प्रदेश भर में आसानी से विभिन्न धार्मिक स्थलों की यात्रा कर सकेंगे, जिससे आध्यात्मिक पर्यटन को नई गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते गुरुवार को प्रयागराज दौरे पर पुलिस जवानों, स्वच्छता कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों, नाविकों, मीडिया कर्मियों और परिवहन चालकों एवं परिचालकों को धन्यवाद देते हुए प्रमुखता से इसका उल्लेख किया।

1. प्रयाग-विन्ध्याचल-काशी कॉरिडोरइस कॉरिडोर के माध्यम से श्रद्धालु प्रयागराज से विन्ध्याचल देवीधाम और फिर काशी (वाराणसी) तक की यात्रा कर सकेंगे, जो शक्ति और शिव उपासना का प्रमुख मार्ग होगा।

2. प्रयागराज-अयोध्या-गोरखपुर कॉरिडोरयह कॉरिडोर भगवान राम और गोरखनाथ परम्परा से जुड़ा है। प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने, लेटे हनुमान, अक्षय वट, सरस्वती कूप के दर्शन कर अयोध्या में रामलला दर्शन के लिए जा सकेंगे। अयोध्या के बाद श्रद्धालु गोरखपुर जाकर गोरखनाथ मंदिर में मत्था टेक सकेंगे।

3. प्रयागराज-लखनऊ-नैमिषारण्य कॉरिडोरयह मार्ग श्रद्धालुओं को लखनऊ होते हुए नैमिषारण्य धाम तक ले जाएगा, जो हिंदू धर्म के 88 महातीर्थों में से एक है। यह 88 हजार ऋषियों की तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध है। इसे भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु, देवी सती और भगवान शिव से जोड़ा जाता है।

4. प्रयागराज-राजापुर (बांदा)-चित्रकूट कॉरिडोरभगवान राम के वनवास से जुड़ा यह मार्ग श्रद्धालुओं को चित्रकूट धाम तक ले जाएगा, जहां कामदगिरि पर्वत, रामघाट और हनुमान धारा जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। वहीं राजापुर गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली है। जिन्होंने श्रीरामचरितमानस, विनय पत्रिका आदि बहुत सी धार्मिक ग्रंथों की रचना की थी।

5. प्रयागराज-मथुरा-वृंदावन-शुकतीर्थ (बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के माध्यम से)इस कॉरिडोर के तहत श्रद्धालु बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के जरिए मथुरा-वृंदावन और फिर शुकतीर्थ तक जा सकेंगे। जो भगवान श्रीकृष्ण और महर्षि शुक्राचार्य की तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध है। इसके आगे श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली और बाल्यकाल से जुड़े मथुरा वृंदावन की भी सैर कर सकेंगे।