(अपडेट) केंद्र सरकार ने दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदल कर बिरसा मुंडा चौक किया

(अपडेट) केंद्र सरकार ने दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदल कर बिरसा मुंडा चौक किया

(अपडेट) केंद्र सरकार ने दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदल कर बिरसा मुंडा चौक किया

नई दिल्ली, 15 नवंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर शुक्रवार को दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदल कर भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर करने की घोषणा की। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा के 150वें जयंती वर्ष के अवसर पर सराय काले खां के नजदीक बांसेरा पार्क में बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा थी। आज ही के दिन झारखंड के एक छोटे से गांव में भगवान बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था। शाह ने कहा कि बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 15 नवंबर 2025 तक आगामी एक वर्ष ‘आदिवासी गौरव वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा।

अमित शाह ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा आदिवासियों के लिए अपनी मूल संस्कृति के उद्धारक तो बने ही, उन्होंने 25 वर्ष की अल्पायु में अपने कृत्यों के माध्यम से इस बात की व्याख्या की कि जीवन कैसा व किसके लिए होना चाहिए और जीवन का ध्येय क्या होना चाहिए। निश्चित तौर पर भगवान बिरसा मुंडा आजादी के महानायकों में से एक हैं। गृह मंत्री ने कहा कि बहुत कम उम्र में भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी सेकंडरी शिक्षा के दौरान धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाई थी। जब पूरे भारत और दो-तिहाई दुनिया पर अंग्रेजों का शासन था, उस समय बालक बिरसा मुंडा ने धर्मांतरण के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा होने की वीरता दिखाई और आगे चलकर यह दृढ़ता और वीरता इस देश के एक नायक के रूप में परिवर्तित हुई। उन्होंने कहा कि रांची की जेल से इंग्लैंड की महारानी तक राष्ट्र नायक बिरसा मुंडा देशवासियों की आवाज बने थे।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आदिवासियों ने देशभर में अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर भाग लिया, लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद इन महानायकों को भुला दिया गया। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने जनजातीय गौरव के लिए ढेर सारे काम किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों में जनजातियों के विकास के लिए सिर्फ 28,000 करोड़ रुपये का बजट था, जबकि मोदी सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में आदिवासियों के विकास के लिए 1,33,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 26,428 आदिवासी गांवों में सभी बुनियादी सुविधाएं पूर्ण रूप से उपलब्ध कराई गई हैं। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन स्कीम के तहत 97 हजार करोड़ रुपये आदिवासी क्षेत्रों में वितरित किए गए। साथ ही 708 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल बनाए गए, प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन के तहत 15,000 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत 63,000 गांवों को संपूर्ण रूप से विकसित करने के लिए 24,000 करोड़ रुपये आवंटित गए हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दिल्ली के सराय काले खां में आईएसबीटी बस स्टैंड के बाहर चौक का नाम अब भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में चौक का नाम बदला गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रतिमा और चौक का नाम देखकर न केवल दिल्ली के नागरिक बल्कि अंतरराष्ट्रीय बस स्टैंड पर आने वाले लोग भी निश्चित रूप से बिरसा मुंडा के जीवन से प्रेरित होंगे।

इस अवसर पर दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।