विपक्ष की एकजुटता भ्रष्टाचारी तंत्र मंच-डॉ. दिनेश शर्मा

विपक्ष की एकजुटता भ्रष्टाचारी तंत्र मंच-डॉ. दिनेश शर्मा

कौशांबी, 23 जून । उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बड़ा बयान विपक्ष की एकता को लेकर दिया है। डॉ. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि लड़ने के लिए भ्रष्टाचारी लोग एक मंच पर बैठे हैं। यह ‘भ्रष्टाचारी तंत्र मंच’ है। इस मंच में सब हाथ मिलाएंगे लेकिन इनका दिल नहीं मिल सकता।

डॉ. शर्मा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की बाढ़ मे विपक्ष के लोग डूबने से बचने को पेड़ पर चढ़े हैं। बाढ़ के जाते ही यह नीचे उतर आते हैं। विपक्ष से सवाल करते हुए पूछा कि मोदी नहीं तो बताओ कौन आगे होगा ? खुद जवाब देकर बताया कि नीतीश तेजस्वी को आगे करेंगे, तेजस्वी ममता को आगे करेंगी, ममता अखिलेश को और अंत मे अखिलेश राहुल के पीछे दौड़ लगाएंगे।

डॉ. शर्मा ने पाठ्य पुस्तकों मे वीर सावरकर को पढ़ाये जाने के सवाल पर भी खुलकर जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वीर सावरकर के बारे पढ़ाई कराना कौन सा पाप होगा। हर प्रदेश को वीर सावरकर को पढ़ना चाहिए।



उन्होंने कहा कि देश की आज़ादी में अपनी आहुति देने वाले महापुरुषों को पढ़ाया जाना कोई पाप नहीं है। देश ही नहीं हर प्रदेश में वीर सावरकर को पाठ्य पुस्तकों मे शामिल कर पढ़ाया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश मे सपा शासन को छोड़ कर पूर्व में वीर सावरकर को पाठ्य पुस्तकों के जरिये बच्चों को पढ़ाया जाता रहा है। पाठ्य पुस्तकों मे बदलाव कोई नई बात नहीं है। यह एक सतत प्रक्रिया है। हर साल नियमतः कराया जाता रहता है।

डॉ. दिनेश शर्मा ने राहुल गांधी के भारत तोड़ो वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा लगाने वालों के साथ चल के और मुस्लिम लीग नेता अजलम के असम सम्प्रदायिक पार्टी से सम्बंध स्थापित करके और बहुसंख्यक वर्ग को अपमानित करके कोई कहे कि हम भारत जोड़ देंगे तो यह गलत है। भारत की सनातन संस्कृति यहां की आत्मा है। उस आत्मा पर चोट पहुंचाने वाले लोग दिन में सपने देखना भूल जाएंगे।



जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि आज देश के करोड़ों लोगों को मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिला है। करोड़ों लोगों को अपना घर मिला गया। उन्हें शौचालय मिला है। आयुष्मान भारत कार्ड मिला है। मुफ्त राशन मिला है। मोदी के सेवा और सुशासन के यह 09 साल देश की तरक्की और विकास को समर्पित हैं।