पीएसी के जवान ने रची थी कौशाम्बी ट्रिपल मर्डर की साजिश

सिपाही सुरेश सहित आठ गिरफ्तार

पीएसी के जवान ने रची थी कौशाम्बी ट्रिपल मर्डर की साजिश

कौशाम्बी, 21 सितम्बर । मोहिनुद्दिनपुर गाव में हुए ट्रिपल मर्डर केस का खुलासा गुरूवार को पुलिस ने कर दिया है। वारदात के नामजद 8 बदमाश गिरफ्तार कर लिए गए हैं। एसपी के मुताबिक, वारदात में 3 नाम और प्रकाश में आए हैं, जल्द उनकी भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी। घटना में प्रयुक्त अवैध तमंचा खोखा बरामद किया गया है। पूछताछ के दौरान हत्याकांड मे मुख्य साजिश कर्ता पीएसी के जवान सुरेश सिंह का नाम सामने आया है। आरोपी दलित परिवार के गांव में बसने से काफी नाराज़ थे।

एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया, संदीपन घाट थाना आके मोहिनूद्दीनपुर गाव मे 15 सितम्बर की सुबह साढ़े 5 बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि 3 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गई है। घटना के खुलासे के लिए थाना पुलिस के अलावा स्वाट सर्विलांस सहित 4 टीम बनाई गई। ठोस कार्ययोजना बनाकर कार्य करते हुए घटना में शामिल 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 315 बोर की राइफल सहित 2 अवैध तमंचा एवं जिंदा और खोखा कारतूस बरामद किया है। मूल एफआईआर में 8 नामजद आरोपियों के अतिरिक्त 3 नाम और प्रकाश मे आए हैं। जयकरन यादव, अनूप सिंह व तीरथ निषाद।

घटना के अनुसार, मोहिनूद्दीनपुर गौस मे जो पंडा चौराहा है। उसके पास आईटीआई कालेज बन जाने और हाईवे (राम पथ गमन मार्ग) प्रस्तावित हो जाने से वहाँ के जमीन की कीमत काफी बढ़ गई थी। शिव सरन पासी जो पट्टे की जमीन एग्रीमेंट करा रहे थे। उस जमीन से आरोपी पक्ष उसे हटाना चाह रहा था।आरोपियों ने वारदात की योजना बनाई और घटना वाली रात को शिव सरन के घर जाकर शिव सरन, बृजकली, होरी लाल को गोली मार दी। इस संबंध मे गिरफ्तार बदमाशो को न्यायिक कस्टडी मे अदालत भेजा जा रहा है। पुलिस गैंगेस्टर एवं एनएसए के तहत भी कार्यवाही करेगी।

--पीएसी जवान ने रची थी वारदात की साजिश


एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया, पीएसी जवान सुरेश सिंह घटना के समय खुद मौजूद नहीं था लेकिन उसने वारदात को अंजाम देने के लिए 7,8,9 सितंबर को हत्याकांड मे शामिल सभी 11 बदमाशों को वारदात को अंजाम देने की योजना तैयार की थी। पुलिस सूत्रो के मुताबिक, सुरेश सिंह ने पुलिसिया ट्रेनिंग के दौरान मिले प्रशिक्षण का अंश प्रयोग करते हुए वारदात के समय 10 आरोपियों में जयकरन, गुड्डू, अमित सिंह व अनूप सिंह को हत्या की ज़िम्मेदारी सौंपी। अमर सिंह को घटना स्थल पर हमला होने या फिर भीड़ एकत्रित होने के लिए सड़क के दूसरे तरफ लाइसेंसी असलहा लेकर खड़ा किया गया। अन्य बदमाश अजीत, तीरथ, अमित, अनुज, अरविंद सिंह घाटन स्थल से पंडा चौराहे के बीच घेरा बना कर खड़े थे। वारदात को अंजाम देकर बदमाश 4 दिशाओं में अलग अलग वाहनों से फरार हुए थे। घटना के एक दिन पहले मुख्य आरोपी सुरेश सिंह व अमर सिंह की ढाई घंटे मोबाइल पर बात हुई थी।

एसपी बृजेश श्रीवास्तव के मुताबिक, वारदात के मोटिव की तलाश में जो तथ्य सामने आए उसमे 2 महत्वपूर्ण बिन्दु निकले। एक पंडा चौराहे पर आईटीआई कालेज के बनने व दूसरा कुरई गंगा नदी घाट से प्रस्तावित (राम पथगमन मार्ग) हाईवे के चलते आसपास के जमीनों की कीमत काफी बढ़ गई थी। मोहिनूद्दीनपुर गांव में जिस स्थान पर जमीन का पट्टा हुआ था वह हाईवे से छूता हुआ निकल रहा था। जिसके चलते दलित परिवार की जमीन जमीन पर आरोपियों की नज़र चढ़ गई थी। इसके लिए पिछले 3 सालों से उन्हें धमकी, प्रतारणा देकर भगाने की कोशिश की जा रही थी। जिसमें आरोपी कामयाब नहीं हो रहे थे। जिसके चलते आरोपियों के हाथ से करोड़ो रुपये की सरकारी जमीन दलित परिवार की हाथ मे जा रही थी। जिसे वह बर्दाश्त न कर सके।