मौत के आंकड़ों में हेराफेरी कर योगी सरकार को बदनाम करने की कोशिश : सिद्धार्थनाथ सिंह

मौत के आंकड़ों में हेराफेरी कर योगी सरकार को बदनाम करने की कोशिश : सिद्धार्थनाथ सिंह

मौत के आंकड़ों में हेराफेरी कर योगी सरकार को बदनाम करने की कोशिश : सिद्धार्थनाथ सिंह
लखनऊ, 23 जून। उत्तर प्रदेश में कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी कर कुछ असामाजिक तत्व सरकार को बदनाम करने की कोशिश में लग गए हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के बाद तथ्यों और आंकड़ों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। बुधवार को यह बातें उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कही है। 
 
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने पहले वैक्सीन और अब मौत के आंकड़ों की राजनीति करना शुरू कर दिया है। बौखलाया विपक्ष उत्तर प्रदेश की जनता के बीच सिर्फ भ्रम की स्थिति पैदा कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से जारी आकड़े बताते हैं कि सोशल मीडिया पर आंकड़ों का हेरफेर कर सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
 
उन्होंने कहा कि जनवरी, फरवरी और मार्च 2021 में मौतें ज्यादा हुईं, लेकिन वो कोरोना से नहीं हुईं। कोविड की दूसरी लहर अप्रैल, 2021 में आनी शुरू हुई थी और अप्रैल की आंकड़े इस महीनों से काफी कम है। उत्तर प्रदेश सरकार पहली ऐसी सरकार है, जिसने कोविड को लेकर समय रहते अस्पतालों में बेड्स की संख्या और टेस्टिंग की क्षमता को तेजी से बढ़ाया है।
 
उन्होंने बताया कि आरटीआई में सरकार से पूछा गया है कि जुलाई, 2019-मार्च, 2020 और जुलाई, 2020 से मार्च, 2021 तक उत्तर प्रदेश में कुल कितनी मौतें हुई हैं। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इन आंकड़ों को कोरोना से जोड़ुने का प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी 2021 में कुल 10 हजार 3000, फरवरी 2021 में 99 हजार 100, मार्च 2021 में 70 हजार 797 मौतें हुई हैं। 
वहीं, अप्रैल 2021 में 61986 मौतें हुई है। गौर करने वाली बात है कि जिन आंकड़ों को कोविड के साथ जोड़ा जा रहा है वो गलत है। क्योंकि कोरोना की पहली लहर मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक ही थी, वहीं दूसरी लहर की बात की जाए तो अप्रैल 2021 से कोविड के मामले बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जिन लोगों के आंकड़ों में हेराफेरी की है, उन्हें अप्रैल का आंकड़ा भी उजागर करना चाहिए था।