ट्रिपल आईटी निदेशक ने दो वरिष्ठ प्रोफेसरों को किया सम्मानित
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान ने मनाया 23वां स्थापना दिवस
प्रयागराज, 12 अगस्त । भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज ने गुरूवार को अपने 23वें स्थापना दिवस पर संस्थान के दो वरिष्ठ प्रोफेसर जीसी नंदी और यूएस तिवारी को उनके दिए गए शैक्षणिक योगदान के लिए निदेशक प्रो पी नागभूषण ने प्रशासनिक भवन के सभागार में कोविड प्रोटोकॉल के पालन करते हुए सम्मानित किया।
इस अवसर प्रोफेसर नागभूषण ने कहा, संस्थान अब किशोरावस्था से युवावस्था में प्रवेश कर गया है। जहां पच्चीस साल पूर्ण होने तक सभी को मिलजुल कर इसे और सशक्त बनाना है। उन्होंने उन सभी संस्थापकों को सलाम किया, जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसके अनवरत विकास में सहयोग किया। उन्होंने छात्रो को सीखने पर जोर देते हुए कहा कि यह हमारी आधारभूत रणनीति होनी चाहिए। सीखना व्यक्ति को न केवल ज्ञानवान बनाता है, बल्कि उसे करने के लिए ऊर्जा भी देता है। उन्होंने छात्रों से अपने अभिभावक संस्थान की देखभाल स्नेह और समर्पण के साथ करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर प्रो नागभूषण ने प्रो जी.सी नंदी और प्रो उमा शंकर तिवारी से अपनी जुड़ी हुई भावनाओ को प्रकट किया। प्रो नंदी ने कैसे संस्थान ने वर्ष 2000 से अग्रेतर प्रगति किया उस पर प्रकाश डाला। प्रो उमा शंकर तिवारी ने कहा कि किसी भी संस्थान की स्थापना में अध्यापकों की भूमिका को पहचाना जाना चाहिए। उनकी धर्मपत्नी डॉ पद्मा सिंह ने भी अपने संस्थान के शुरूआती दौर के अनुभवों को साझा किया। ट्रिपल आईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के पूर्व अध्यक्ष रविकांत ने इस अवसर पर सभी को बधाई दी। प्रो जी.सी नंदी और प्रो यू.एस तिवारी को निदेशक प्रो पी नागभूषण ने उनकी पत्नी श्रीमती लक्ष्मीभूषण दोनों शिक्षाविदों को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी डॉ पंकज मिश्र ने बताया कि प्रो विजयश्री तिवारी, कार्यवाहक कुलसचिव ने उन सभी संस्थापकों को याद किया, जिन्होंने संस्थान को अधिक गहरा, मजबूत और समृद्ध बनाने के लिए खुद को समर्पित किया। इस अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से भी लोग कार्यक्रम में शामिल हुए। शाम को ऑनलाइन पुरा छात्र सम्मलेन का भी आयोजन किया गया। जिसके बारे में प्रो अनुपम अग्रवाल, डीन (पूर्व छात्र मामले) ने विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्रो तपोब्रत लहरी, डीन (शिक्षाविद) और प्रो शेखर वर्मा, डीन (मानव मामले) ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन एसोसिएट डीन (छात्र) डॉ विजय चौरसिया ने किया।