अयोध्या : दीपोत्सव को भव्यता देने के लिए घाटों पर बिछाये गये 24 लाख दीए

अयोध्या : दीपोत्सव को भव्यता देने के लिए घाटों पर बिछाये गये 24 लाख दीए

अयोध्या : दीपोत्सव को भव्यता देने के लिए घाटों पर बिछाये गये 24 लाख दीए

अयोध्या, 09 नवम्बर । डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल के दिशा-निर्देशन में प्रांतीय दीपोत्सव को भव्यता देने के लिए गुरूवार को भी वालंटियर्स द्वारा 51 घाटों पर 24 लाख से अधिक दीए सजाने का कार्य जारी रहा। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्व कीर्तिमान के लिए राम की पैड़ी व चौधरी चरण सिंह के घाटों पर 12 पर्यवेक्षक, 95 घाट प्रभारी, 1000 से अधिक समन्वयक नियुक्त किए। इनकी देखरेख दीपोत्सव के दिन 25 हजार वालंटियर्स प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए 21 लाख के लक्ष्य के सापेक्ष 24 लाख दीप प्रज्ज्वलित करेंगे। सुबह 10 बजे विश्वविद्यालय, सम्बद्ध महाविद्यालयों, इण्टर कालेजों व स्वयंसेवी संस्थाओं के वालंटियर्स द्वारा घाटों पर छूटे स्थानों पर दीए बिछाने का कार्य शुरू किया गया। दीपोत्सव भव्य बनाने के लिए 16 गुणे 16 दीए का ब्लाक बनाया गया है। जिसमें 256 दीए लगाये गये है। दूसरी ओर घाट संख्या दस पर रामायणकालीन प्रसंग को उकेरा गया है इसमें भी दीए सजाने का कार्य किया गया। इस दीपोत्सव में एक वालंटियर को 85 से 90 दीए जलाने का लक्ष्य दिया गया है।



दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो0 शंत शरण मिश्र ने बताया कि 11 नवम्बर को दीपोत्सव के दिन प्रातः 09 बजे से वालंटियर्स द्वारा 51 घाटों पर 24 लाख से अधिक दीए में तेल डालने, बाती लगाने के साथ देर शाम शासन द्वारा नियत समय पर दीए प्रज्जवलित किए जायेंगे। सभी घाटों पर दीए लगाने का कार्य देर शाम पूर्ण कर लिया जायेगा। 10 नवम्बर को गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड टीम द्वारा बिछाये गए दीपों की गणना की जायेगी।


भोजन समिति के संयोजक प्रो0 चयन कुमार मिश्र की देखरेख में घाटों पर वालंटियर्स के लिए जलपान व भोजन की व्यवस्था की गई है। विवि परिसर से यातायात समिति के संयोजक प्रो0 अनूप कुमार, डाॅ0 सुरेन्द्र मिश्र की निगरानी में प्रातः 7 बजे से वालंटियर्स राम की पैड़ी के लिए बसों से रवाना किए गए। उन्होंने बताया कि घाटों पर दीपोत्सव पहचान-पत्र के बिना प्रवेश नही दिया जा रहा है। घाटों पर व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिला प्रशासन एवं दीपोत्सव पदाधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है।