दुराचार की घटनाओं पर सख्ती से लगे रोक : हाईकोर्ट
पांचवी की छात्रा से दुराचार के आरोपी की जमानत खारिज
प्रयागराज, 18 अगस्त (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग बच्चियों के साथ बढ़ती दुराचार की घटनाओं पर चिंता जाहिर की है और कहा है कि ऐसे जघन्य अपराध पर सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिए।
कोर्ट ने 13 साल की पांचवीं कक्षा की छात्रा से दुराचार के आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया। कहा कि ऐसे जघन्य कृत्यों के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाए गए तो आपराधिक न्यायतंत्र से लोगों का विश्वास उठ जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने जसमान सिंह उर्फ पप्पू यादव की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि याची ने जमानत अर्जी में तथ्य छिपाये। उसने कहा कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। जबकि सत्र अदालत के आदेश में ही छह आपराधिक केसों का उल्लेख है। उसका कहना था कि उसे जमीन विवाद की वजह से फंसाया गया है, किन्तु कोई ब्यौरा नहीं दिया गया।
कोर्ट ने कहा छोटी बच्ची जिसे सेक्स का मतलब नहीं मालूम, उनके खिलाफ जघन्य दुराचार की घटनाएं बढ़ रही है। भारत में ऐसी बेटियों की पूजा होती है। अधिकांश परिवार इज्जत बचाने के लिए चुप रह जाता है और रिपोर्ट नहीं लिखाते।
आरोपी याची के खिलाफ ललितपुर के जखौटा थाने में पीड़िता की चाची ने एफआईआर दर्ज कराई। परिवार खेत में था। लड़की घर में अकेली थी। जब परिवार घर आया तो दीवार फांद कर याची भाग गया। तीन मौके पर पकड़ लिए गए थे। लड़की जब होश में आई तो उसने घटना का व्योरा दिया। शाम की घटना की दूसरे दिन एफआईआर दर्ज कराई गई। मेडिकल जांच रिपोर्ट में दुराचार की पुष्टि हुई। पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में भी आरोप दोहराये। याची 16 फरवरी 19 से जेल में बंद हैं।