सामूहिक रेप के दोषियों को हाईकोर्ट ने किया बरी
रामपुर के पटवाई थाने का मामला, सत्र न्यायालय ने दोषी पाते हुए सुनाई थी सजा
प्रयागराज, 18 जनवरी । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर की सत्र न्यायालय से दोषी करार दिए गए सामूहिक रेप के दोषियों को बरी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सत्र न्यायालय का फैसला एकतरफा था उसे रद्द किया जाता है और दोषियों को सजा से मुक्त किया जाता है। अगर याची किसी अन्य मामले में सजायाफ्ता नहीं है तो उन्हें तत्काल रिहा कर दिया जाए।
कोर्ट ने सह आरोपित के लिए कहा कि वह जमानत पर है, उसे आत्मसमर्पण की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने जमानत राशि को भी वापस करने को कहा और निर्देश दिया कि आदेश की प्रति निचली अदालत को प्रेषित की जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने असलम व अन्य की ओर से दाखिल आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि अभियोजना पक्ष बिना संदेह आरोपियों के खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं कर सका है। इसलिए याचीगण इसका लाभ पाने के हकदार है लिहाजा, उन्हें इस मामले में बरी किया जाता है।
याचियों पर आईपीसी की धारा 452, 366, 376डी, 314 के तहत पतवाई थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि आरोपित ने शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ रेप किया और तीन महीने बाद शादी करने के बहाने ले जाकर गर्भपात करा दिया। पीड़िता ने जब इसकी शिकायत की तो आरोपितों ने उसे मारा और उसके साथ सामूहिक रेप किया। सत्र न्यायालय ने प्राथमिकी में दर्ज धाराओं के आधार पर सजा सुनाई। दोषियों ने उसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।