बदल रही हवा, सब्जियों व अनाज भंडारण में रखें विशेष ध्यान

विशेषज्ञों की सलाह, नीम का अर्क व अन्य कीट नाशक का सब्जियों पर करें प्रयोग

बदल रही हवा, सब्जियों व अनाज भंडारण में रखें विशेष ध्यान

लखनऊ, 20 अप्रैल। आसमान से सूर्य आग उगल रहा है। हवा आय दिन बदल रही है। ऐसे में सब्जी की फसलों पर कीट का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इस मौसम में अनाज भंडारण से लेकर सब्जियों के रख-रखाव पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

इस संबंध में एक्सीलेंस सेंटर बस्ती के प्रभारी अनीस श्रीवास्तव का कहना है कि अनाज भंडारण से पूर्व उसे सुखा लेना चाहिए। दीवारों व दरार की सफाई करके 0.5 प्रतिशत मैलाथियान के घोल का छिड़काव करने बाद बोरियों को नीम के घोल से उपचारित करें। इसके बाद बोरियों को धूप में सुखा दें, जिससे कीड़े व अंडे नष्ट हो जाएं। इसके बाद ही किसानों को बोरियों में अनाज भरकर भंडारण करना चाहिए।

पुरवाई हवा के कारण फसलों पर कीट का प्रकोप बढ़ जाता है। ऐसे में कीटों का प्रकोप न हो, इसके लिए नीम का तेल या अर्क का छिड़काव जरूरी है। यदि फसलों पर कीड़ों का प्रकोप हो गया है तो ऐसे में दवा का छिड़काव तत्काल करना चाहिए। अनीस श्रीवास्तव ने बताया कि भिंडी की फसल में घुन (माईट्स) के हमले के खिलाफ लगातार निगरानी करनी चाहिए। प्रकोप दिखाई देने पर एथियोन 1.5-2 मिली/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। प्रचलित उच्च तापमान के कारण, कम अंतराल पर हल्की सिंचाई करना चाहिए।


उन्होंने कहा कि वर्तमान तापमान पर कददुवर्गीय फसलों में सफेद चूर्णित आसिता रोग का प्रकोप हो सकता हैं। अधिक लक्षण पाए जाने पर आकाश साफ रहने पर कार्बेन्डाजिम 1.0 ग्राम प्रति लीटर या फिर प्रोपिकोनाज़ोल 1.0 मिलीलीटर प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें।

वहीं गाजीपुर जिले के जिला उद्यान अधिकारी डाक्टर शैलेश दूबे ने बताया कि बैगन और टमाटर की फसलों में तना और फल छेदक कीट को नियंत्रित करने के लिए कीट ग्रसित फलों और टहनियों को एकत्र करके मिट्टी के अंदर दबा देना चाहिए। यदि कीटों की संख्या अधिक हो तो दवा का छिड़काव करें। नीम का तेल का भी छिड़काव फायदेमंद होता है।



उन्होंने कहा कि इस समय फसलों मे थिरिप्स कीट के प्रकोप की आशंका होती है, इसके रोकथाम के लिए आकाश साफ रहने पर दवाओं का छिड़काव अवश्य करना चाहिए। बाजार में बहुत दवाएं हैं। उपयुक्त दवा ही किसानों को लेना चाहिए।