श्री बांकेबिहारी गलियारा परियोजना को मिला जनसमर्थन: एक गोस्वामी परिवार ने विकास के लिए स्वेच्छा से सौंपा अपना भवन

श्री बांकेबिहारी गलियारा परियोजना को मिला जनसमर्थन: एक गोस्वामी परिवार ने विकास के लिए स्वेच्छा से सौंपा अपना भवन

श्री बांकेबिहारी गलियारा परियोजना को मिला जनसमर्थन: एक गोस्वामी परिवार ने विकास के लिए स्वेच्छा से सौंपा अपना भवन

मथुरा, 16 जून ()। मथुरा के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल वृंदावन में स्थित श्री बांकेबिहारी मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और सुगम आवागमन के लिए प्रस्तावित महत्वाकांक्षी गलियारा परियोजना अब मूर्त रूप लेने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस महत्वपूर्ण विकास कार्य में अब स्थानीय गोस्वामी परिवारों का भी सक्रिय सहयोग दिखने लगा है, जो परियोजना के प्रति सकारात्मक माहौल बनाने में सहायक सिद्ध हो रहा है।

सोमवार, 16 जून को वृंदावन के निवासी श्रीयति गोस्वामी और उनके सुपुत्रों - अंशुल और आकाश ने एक अनुकरणीय पहल करते हुए श्री बांकेबिहारी गलियारे के निर्माण के लिए अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने अपनी संपत्ति, जो गलियारे के प्रस्तावित दायरे में आ रही थी, को स्वेच्छा से जिला प्रशासन को सौंपने का निर्णय लिया। इस संबंध में उन्होंने नियमानुसार अपने 75 वर्गमीटर के मकान से संबंधित आवश्यक कागजात जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह को विधिवत सौंप दिए। यह कदम दर्शाता है कि स्थानीय समुदाय, विशेषकर मंदिर से जुड़े गोस्वामी परिवार, इस परियोजना को वृंदावन के विकास और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आवश्यक मान रहे हैं।

इस अवसर पर श्रीयति गोस्वामी ने अपने इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे की भावना को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वे वृंदावन के समग्र विकास के इस 'महायज्ञ' में अपनी इस अचल संपत्ति की 'आहुति' दे रही हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश की वर्तमान योगी सरकार पर पूर्ण विश्वास जताया कि इस विकास कार्य के लिए उनकी संपत्ति का उचित और पर्याप्त मुआवजा उन्हें निश्चित रूप से प्रदान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन द्वारा उनकी संपत्ति के लिए जो भी मुआवजा राशि तय की जाएगी, वह उन्हें स्वीकार्य होगी, जो उनके त्याग और सहयोग की भावना को उजागर करता है।

जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने श्रीयति गोस्वामी और उनके परिवार के इस कदम की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने इसे एक अत्यंत 'पुनीत कार्य' बताया और पुष्टि की कि श्रीयति गोस्वामी का लगभग 75 वर्ग मीटर का भवन वास्तव में गलियारे के निर्माण के दायरे में आ रहा था, जिसे उन्होंने अपनी मर्जी से परियोजना के लिए सौंप दिया है। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर गलियारा परियोजना से प्रभावित होने वाले सभी लगभग 275 परिवारों को आश्वस्त किया कि किसी को भी इस परियोजना को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि प्रभावित परिवारों को भरपूर और संतोषजनक मुआवजा मिले। उन्होंने बताया कि जिन परिवारों के आवासीय भवन गलियारे की सीमा में आ रहे हैं, उन्हें या तो फ्लैट प्रदान किए जाएंगे या फिर उनकी संपत्ति के बदले पर्याप्त मौद्रिक मुआवजा दिया जाएगा। इसी प्रकार, जिन लोगों की दुकानें परियोजना से प्रभावित हो रही हैं, उन्हें उनके बदले नई दुकान ही प्रदान की जाएगी, ताकि उनकी आजीविका प्रभावित न हो। जिलाधिकारी ने गलियारे के दायरे में आने वाले अन्य भूस्वामियों और निवासियों से भी अपील की कि वे आगे आएं और परियोजना के समर्थन में अपना सहमति पत्र प्रशासन को सौंपें। उन्होंने दोहराया कि प्रशासन ऐसे सभी सहयोगियों का पूरा ख्याल रखेगा और उनके हितों की रक्षा की जाएगी।

इस सकारात्मक घटनाक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्याम बहादुर सिंह भी उपस्थित रहे, जो इस परियोजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। श्रीयति गोस्वामी और उनके परिवार का यह स्वैच्छिक सहयोग श्री बांकेबिहारी गलियारा परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है, जो अन्य प्रभावित परिवारों को भी सहयोग के लिए प्रेरित करेगा और परियोजना के सुचारू तथा तीव्र गति से आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह घटना विकास कार्यों में जनभागीदारी और प्रशासन व जनता के बीच आपसी विश्वास का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।