सरयू एक्सप्रेस में खून से लथपथ मिली महिला सिपाही मामले में एसपी रेलवे कोर्ट में हुई पेश
दिया आश्वासन, जल्दी ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा
प्रयागराज, 04 सितम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरयू एक्सप्रेस में अर्धनग्न अवस्था में खून से लथपथ मिली सिपाही के मामले में जांच कर रही टीम पर कई सवाल खड़े किए। कोर्ट में पेश रेलवे एसपी पूजा यादव ने जांच आख्या प्रस्तुत की और बताया कि इस मामले में जांच के लिए डिप्टी एसपी, सीओ रैंक के ऑफिसर्स की पांच टीमें जांच कर रहीं हैं।
एसपी ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि जल्दी ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। एसपी के इस आश्वासन के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 13 सितम्बर की तिथि तय कर दी। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति डॉ. आशुतोष कुमार की खंडपीठ अधिवक्ता राम कौशिक की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर दी।
कोर्ट के सामने पेश हुई एसपी रेलवे से कोर्ट ने पूछा कि घटना के बाद किस तरह से जांच की गई। क्या, कोई आरोपी पकड़ा गया। क्या-क्या सबूत एकत्र किए गए हैं। घटना के कितनी देर बाद प्राथमिकी दर्ज हुई। बोगी में कितने लोग रहे होंगे। महिला किस स्टेशन से ट्रेन पर बैठी। क्या सीसीटीवी कैमरे से कोई सबूत मिले हैं। घर वालों को किसने सूचना दी। कोर्ट ने इस तरह से कई सवाल खड़े किए और जानकारी मांगी।
एपी ने बताया कि अनजान लोगों ने घटना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद महिला के भाई ने प्राथमिकी दर्ज कराई। उसका मेडिकल कराया गया है। हालांकि, अभी रिपोर्ट नहीं आई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ब्लड रिपोर्ट तो जल्दी ही आ जाती है। इतनी देर नहीं लगती है। एसपी ने बताया कि महिला सिपाही की हालत अभी गंभीर बनी हुई है और उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका है। उसके भाई का बयान दर्ज किया गया है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि वह मजिस्ट्रेट को आदेश दे रहे हैं कि महिला पुलिस कर्मी का बयान लेने के लिए जाएंगे। कोर्ट ने आरोपियों के बारे में जानकारी मांगी। बताया कि मनकापुर से अयोध्या रेलवे स्टेशन के बीच घटना को अंजाम दिया गया। घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों की पहचान की जा रही है। अभी कोई भी आरोपी चिह्नित नहीं किए गए हैं। पांच टीमें लगातार काम कर रही हैं।
कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या महिला का किसी से विवाद रहा है। इस पर एसपी ने बताया कि जमीन को लेकर कुछ विवाद है। कोर्ट ने इस नजरिए से भी जांच करने को कहा है। साथ ही यह भी पूछा कि अगर जांच में किसी के सहयोग की जरूरत हो तो कोर्ट आदेशित करेगी। कोर्ट ने रेलवे और यूपी सरकार के अधिवक्ताओं को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। इस पर अधिवक्ता राम कौशिक ने कहा कि इस मामले की एसआईटी जांच करा ली जाए। इस पर एसपी रेलवे ने कोर्ट को जल्द ही मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया। इस आश्वासन पर कोर्ट जांच को किसी अन्य एजेंसी को देने से इंकार कर दिया। इसके बाद सुनवाई के लिए 13 सितम्बर की तिथि तय कर दी और उस दिन प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।