रेलवे ने महिला जवानों को चुनौतियों से निपटने गैर-घातक प्रभावी उपकरण बनाने की पहल की

रेलवे ने महिला जवानों को चुनौतियों से निपटने गैर-घातक प्रभावी उपकरण बनाने की पहल की

रेलवे ने महिला जवानों को चुनौतियों से निपटने गैर-घातक प्रभावी उपकरण बनाने की पहल की

जबलपुर, 8 मार्च भारतीय रेलवे ने रेलवे सुरक्षा बल की महिला जवानों को मिर्च स्प्रे के डिब्बों से लैस करने का फैसला किया है। यह गैर-घातक लेकिन प्रभावी उपकरण महिला आरपीएफ जवानों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से तेजी से निपटने में मदद करेगा, खासकर अकेले या बच्चों के साथ यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की सुरक्षा करते समय, ताकि महिला यात्रियों के लिए सुरक्षित ट्रेन यात्रा सुनिश्चित की जा सके।

यह अभिनव कदम भारतीय रेलवे की लैंगिक समावेशिता, महिला सशक्तिकरण और अपने विशाल नेटवर्क में बढ़ी हुई सुरक्षा के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मिर्च स्प्रे के डिब्बे उपलब्ध कराने से महिला आरपीएफ जवानों को सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत मिलेगी, जिससे वे खतरों को रोक सकेंगी, उत्पीड़न की घटनाओं का जवाब दे सकेंगी और आपात स्थितियों को प्रभावी ढंग से संभाल सकेंगी–खासकर सुनसान पड़े स्टेशनों, चलती ट्रेनों और दूरदराज के रेलवे स्थानों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में जहां तत्काल बैकअप उपलब्ध नहीं हो सकता है।

आरपीएफ के महानिदेशक ने कहा, "प्रधानमंत्री के महिलाओं को सशक्त बनाने और सार्वजनिक स्थानों को सुरक्षित बनाने की कल्‍पना के अनुरूप भारतीय रेलवे ने महिला यात्रियों के लिए यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लगातार अनेक उपाय किए हैं। हमारी महिला आरपीएफ कर्मी शक्ति, देखभाल और लचीलेपन का प्रतीक हैं। उन्हें मिर्च स्प्रे के डिब्बों से लैस करके, हम उनका आत्मविश्वास और परिचालन क्षमता बढ़ा रहे हैं, साथ ही यह स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि यात्रियों की सुरक्षा - विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा - हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।"

ऐसी ही एक प्रभावशाली नीति आरपीएफ में अधिक महिलाओं को जानबूझकर शामिल करना है। आज, सभी केन्‍द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में महिलाओं का सबसे अधिक अनुपात (9 प्रतिशत) होने पर आरपीएफ को गर्व है। इनमें से अनेक महिला आरपीएफ कर्मी ‘मेरी सहेली’ टीमों का हिस्सा हैं, जिनकी मुख्य जिम्मेदारी महिला यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है। 250 से अधिक ‘मेरी सहेली’ टीमें प्रतिदिन लगभग 12,900 महिला यात्रियों से बातचीत करती हैं, और उन्हें सुरक्षा और आश्वासन दोनों प्रदान करती हैं।

महिला आरपीएफ कर्मियों की भूमिका सुरक्षा से कहीं आगे तक फैली हुई है। वे अक्सर संकट में फंसी महिला यात्रियों की सहायता करती हैं, जिनमें ट्रेन यात्रा के दौरान प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती माताएँ भी शामिल हैं। ‘ऑपरेशन मातृशक्ति’ के तहत, महिला आरपीएफ कर्मियों ने अकेले 2024 में 174 महिलाओं को ट्रेन में सुरक्षित रूप से जन्म देने में मदद की है, जिससे गोपनीयता, सम्मान और समय पर चिकित्सा सहायता सुनिश्चित हुई है।

महाकुंभ जैसे प्रमुख आयोजनों के दौरान, आरपीएफ की महिला कर्मियों ने अपने पुरुष समकक्षों के साथ मिलकर अथक परिश्रम किया और प्रयागराज में पवित्र स्नान के लिए पहुंची हजारों महिला तीर्थयात्रियों को तुरंत सहायता प्रदान की।

हाथ में नए उपकरण से लैस होने के साथ, महिला आरपीएफ जवान शक्ति, करुणा और लचीलेपन का प्रतीक होंगी, जो महिला यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा के प्रति भारतीय रेलवे की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेंगी।