UP: प्रियंका ने बनाया गढ़ बचाने का रोडमैप
UP: प्रियंका ने बनाया गढ़ बचाने का रोडमैप
रायबरेली, 18 जुलाई। अपने गढ़ में खिसकती ज़मीन को बचाने की कवायद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा ने शुरू कर दी है। इसके लिए पार्टी भाजपा सरकार के खिलाफ जनता में अंसतोष का आकलन कर रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव में इसी अंसतोष की उम्मीद के सहारे पार्टी अपने रोडमैप पर अमल करेगी।
पार्टी अब रायबरेली और अमेठी के पूर्व विधायकों सहित संगठन के नेताओं की जवाबदेही तय करेगी। इसके साथ ही पार्टी को खड़ा करने के लिए योगी सरकार के खिलाफ बूथ स्तर पर माहौल बनाने की रणनीति अपनाई जायेगी।
शनिवार शाम रायबरेली और अमेठी संसदीय क्षेत्र के ब्लॉक अध्यक्षों के साथ बैठक में प्रियंका वाड्रा ने पार्टी की मजबूती के लिए सुझाव लिए और अपनी बात भी कहीं। बैठक में प्रियंका वाड्रा ने बूथ स्तर पर भाजपा सरकार के प्रति अंसतोष की जानकारी ली और इसे कैसे अपने पक्ष में भुनाया जा सके, इस बात पर खासा जोर दिया।
उन्होंने कहा कि इसके लिए जनप्रतिनिधि और संगठन के लोग मिलजुलकर काम करें।उन्होंने नेताओं से पूछा कि गावों में भाजपा की क्या स्थिति है और आम आदमी में कितना असंतोष है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इसी असंतोष को अपने पक्ष में करने की जरूरत है। हालांकि इस बाबत ज़्यादातर ब्लॉक अध्यक्षों का कहना था कि जनप्रतिनिधियों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाता, जिससे भाजपा के ख़िलाफ़ लड़ाई कमजोर हो रही है। इस पर प्रियंका वाड्रा ने सबको आश्वस्त किया कि सभी तालमेल से काम करें,उनका इन मुद्दों पर पूरा ध्यान और जानकारी है कि रायबरेली में क्या-क्या हो रहा है। बैठक में प्रियंका वाड्रा ने नए पदाधिकारियों से भी जानकारी ली, साथ ही कई निर्देश और सुझाव दिए।
पूछा किसे लड़ाएं चुनाव
रायबरेली और अमेठी के ब्लॉक अध्यक्षों के साथ हुई बैठक में प्रियंका ने 2022 की विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा की और सभी से पूछा कि किसे चुनाव लड़वाया जाय। उन्होंने पूर्व विधायकों के भी कामकाज के तरीके की जानकारी ली। हालांकि इसके जवाब में नेताओं ने कहा कि आप ही तय करें कि किसे चुनाव लड़ाया जाय, पूरा संगठन तैयार है। सभी ने यह सुझाव भी दिया कि उम्मीदवार का चयन जल्दी से कर लिया जाय, जिससे संगठन को काम करने का समय मिल सके। इसके अलावा हाल में सम्पन्न पंचायत चुनाव और उसमें पार्टी की हार पर भी गहन चर्चा हुई।
बैठक में रायबरेली कम आने की उभरी टीस
प्रियंका वाड्रा के रायबरेली और अमेठी कम आने की बात भी बैठक में उठी। ज़्यादातर सदस्यों का कहना था कि रायबरेली और अमेठी में उनका दौरा कम होता है जिससे कार्यक्रताओं में अपेक्षित जोश नहीं रह पाता। सभी ने उन्हें जल्द रायबरेली आने की भी अपील की।
इस बाबत प्रियंका वाड्रा ने सभी से कहा कि पहले उनकी जिम्मेदारी केवल रायबरेली और अमेठी थी, लेकिन अब पूरे उत्तरप्रदेश की है,जिससे आने में विलंब हो रहा है। उन्होंने अगस्त में रायबरेली आने और जनता से विस्तृत मुलाक़ात की बात कही।